तेल अवीव: गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में एक नया मोड़ आ गया है. युद्धविराम की कोशिशें विफल होने के बाद इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने अब गाजा में हमास को रणनीतिक रूप से कोने में धकेलने की योजना बनाई है. यह प्लान न सिर्फ सैन्य रणनीति का हिस्सा है, बल्कि गाजा पर स्थायी नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
IDF की नई रणनीति:
इजरायली सेना अब अपने अभियान को इस तरह चला रही है कि हमास केवल खान यूनिस शहर के दक्षिणी कोने तक सीमित रह जाए. रिपोर्ट्स के अनुसार, IDF की योजना है कि हमास को बाकी गाजा क्षेत्र से पूरी तरह अलग कर दिया जाए, जिससे इजरायल को शेष गाजा पर नियंत्रण स्थापित करने में आसानी हो.
सेना का कहना है कि यह प्रयास न केवल सैन्य सफलता, बल्कि राजनीतिक दबाव बनाने के लिए भी जरूरी है. इजरायल चाहता है कि हमास एक कमजोर स्थिति में समझौते के लिए बाध्य हो जाए.
नागरिकों को हटाकर खाली किया जा रहा है
खान यूनिस में इजरायली सेना ने आक्रामक अभियान चलाते हुए उन इलाकों से नागरिकों को निकाल दिया है, जहां संभावित झड़पें हो सकती हैं. सेना का उद्देश्य है हमास को 30% से भी कम क्षेत्र में सीमित कर देना.
IDF अधिकारियों का मानना है कि यह रणनीति हमास के शीर्ष सैन्य नेतृत्व को खत्म करने में भी मददगार साबित होगी, जिससे संगठन की संरचना कमजोर पड़ेगी और वह राजनीतिक सौदेबाज़ी में नरम रुख अपनाने को मजबूर होगा.
इस बार लौटने की नहीं है योजना
पिछली बार खान यूनिस में IDF ने सीमित समय के लिए आक्रमण किया था और फिर पीछे हट गई थी. लेकिन इस बार योजना अलग है. सेना अब उस क्षेत्र में न केवल हमास के ठिकानों को तबाह कर रही है, बल्कि वहां स्थायी उपस्थिति बनाने की भी तैयारी कर रही है.
इसका संकेत है कि इजरायल अब गाजा के भविष्य को सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रखना चाहता, बल्कि वह वास्तविक नियंत्रण में विश्वास कर रहा है.
मानवीय सहायता के मोर्चे पर रणनीति
वायनेट की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली अधिकारी एक नई मानवीय सहायता योजना पर भी काम कर रहे हैं. इससे गाजा के आम नागरिकों को राहत देने की कोशिश की जाएगी — खासकर भोजन, पानी और चिकित्सा सेवाओं के मोर्चे पर.
IDF का मानना है कि इससे आम नागरिक हमास से दूरी बना सकते हैं, जिससे संगठन राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ सकता है.
अंतरराष्ट्रीय दबाव बना हुआ है
हालांकि इजरायल की ये आक्रामक नीति अंतरराष्ट्रीय आलोचना का शिकार हो रही है. तीन महीने की नाकेबंदी और सैन्य कार्रवाई के चलते गाजा में गंभीर मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है.
संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि भूख और बीमारी से लाखों लोग, खासकर बच्चे, मौत के कगार पर हैं.
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