पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है. अब पाकिस्तान को भारत से एक बूंद भी पानी नहीं मिलेगा. भारत सरकार के इस कदम से पाकिस्तान का हुक्मरान तबका पूरी तरह बौखला गया है. भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान के नेता बयानबाजी और गीदड़ भभकियों पर उतर आए हैं. इस फेहरिस्त में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो का भी नाम जुड़ गया है. बिलावल ने सिंधु दरिया में भारत के लोगों का खून बहाने की बात कही है.
भुट्टो ने शुक्रवार को कहा कि "भारत सिंधु जल समझौते को नहीं तोड़ सकता है. भारत अगर सिंधु का पानी रोकने की कोशिश करेगा तो फिर इसके भयावह नतीजे होंगे." भुट्टो कहा कि "सिंधु दरिया में या तो अब पानी बहेगा, या उनका खून बहेगा. सिंधु दरिया हमारा है और हमारा ही रहेगा. पाकिस्तान की सरकार भी कह चुकी है कि भारत के सिंधु जल समझौता तोड़ने को वह युद्ध के ऐलान की तरह देखेगी."
कौन हैं बिलावल भुट्टो?
बिलावल भुट्टो, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष हैं. उनकी मां बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं. पिता आसिफ अली ज़रदारी अभी पाकिस्तान के राष्ट्रपति हैं. बिलावल पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं और अब वह नेशनल असेंबली के सदस्य हैं.
क्या है सिंधु संधि?
साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस जल-बंटवारे के समझौते में विश्व बैंक की मध्यस्थता रही थी. संधि के तहत सिंधु बेसिन की छह नदियों को दो भागों में बाँटा गया था—पूर्वी नदियाँ (ब्यास, रावी और सतलुज) भारत को मिलीं, जबकि पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम और चिनाब) पाकिस्तान के नियंत्रण में रहीं.
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