गोल्डन डोम-आयरन डोम से बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम बना रहा है भारत, स्मार्ट ड्रोन का ब्लूप्रिंट तैयार

    भारतीय वायुसेना (IAF) अब एक ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम विकसित कर रही है जो अमेरिका के 'पैट्रियट' और इजराइल के 'आयरन डोम' से भी कहीं ज्यादा एडवांस और बहुआयामी होगा.

    India is making an air defense system better than US-Israel
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    नई दिल्ली: 'आने वाले कल की लड़ाइयाँ सिर्फ मिसाइलों से नहीं, दिमाग और डेटा से जीती जाएंगी.' इसी सोच के साथ भारतीय वायुसेना (IAF) अब एक ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम विकसित कर रही है जो अमेरिका के 'गोल्डन डोम' और इजराइल के 'आयरन डोम' से भी कहीं ज्यादा एडवांस और बहुआयामी होगा.

    ऑपरेशन 'सिंदूर' के दौरान भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान की ओर से किए गए तमाम हवाई हमलों को असफल कर दिखाया. अब अगला लक्ष्य है – देश को एक ऐसे इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस नेटवर्क से लैस करना, जो किसी भी सीमा से आने वाले खतरे को सेकंडों में पहचानकर जवाब दे सके.

    यह नया एयर डिफेंस सिस्टम क्यों है खास?

    यह डिफेंस सिस्टम सिर्फ मिसाइलों या रडार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें शामिल हैं – AI-ड्रिवन स्मार्ट ड्रोन, एंटी-ड्रोन हथियार, हाई-स्पीड डिकॉय सिस्टम, मल्टी-रोल UAVs और लो-ऑर्बिट इंटरसेप्टर्स.

    भारतीय वायुसेना का डिज़ाइन ब्यूरो देश के भीतर ही इन तकनीकों को विकसित कर रहा है और इनमें से कई सिस्टम्स का ब्लूप्रिंट तैयार हो चुका है.

    रूस से मिलेगा S-400 का नया बैच

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तैनात S-400 सिस्टम की मिसाइलों का भारी इस्तेमाल हुआ था. अब रूस से जल्द ही इन मिसाइलों की नई खेप भारत पहुंचने वाली है. इसके साथ ही एक नई S-400 स्क्वॉड्रन भी अगले एक-दो महीनों में मिल सकती है. बता दें, एक स्क्वॉड्रन में 256 मिसाइलें होती हैं. इसके अलावा, अगली डिलीवरी 2026 में तय है.

    नए ड्रोन की 9 खासियतें-

    1. एयर लॉन्च स्वार्म ड्रोन (ALFA-S)

    AI से संचालित ये ड्रोन दुश्मन के एयर डिफेंस को चकमा देने, भ्रमित करने और खत्म करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. ये सर्विलांस, संचार रिले और खुफिया जानकारी एकत्र करने में सक्षम हैं.

    2. हेलिकॉप्टर लॉन्चर ड्रोन

    इन ड्रोन की रेंज 40 किमी तक होगी, जिन्हें MI-17 हेलिकॉप्टर से लॉन्च किया जा सकेगा. ये 50 किलो तक के हथियार ले जा सकते हैं.

    3. लॉइटरिंग एरियल इंटरसेप्टर

    8,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम ये ड्रोन दुश्मन के UAVs को इंटरसेप्ट कर नष्ट कर सकते हैं. इन्हें ज़मीन, वाहन या हेलिकॉप्टर से लॉन्च किया जा सकता है.

    4. स्वार्म एंटी-ड्रोन सिस्टम

    यह सिस्टम दुश्मन के ड्रोन्स को तीन तरीकों से निष्क्रिय करेगा – सीधे हमला, पकड़कर रिकवर करना और इलेक्ट्रॉनिक जाल में फंसाना.

    5. एलास्टिकॉप्टर मल्टी-रोल UAV

    एक वर्क होर्स UAV जो 25 किमी रेंज में हथियार, ग्रेनेड, संचार उपकरण या लॉजिस्टिक सप्लाई ले जा सकता है. इसका पेलोड 5 से 20 किलो तक हो सकता है.

    6. टेथर्ड ड्रोन सिस्टम

    सैन्य बेस और महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर की 24/7 निगरानी के लिए. ये ड्रोन केबल के ज़रिए ज़मीन से जुड़े रहेंगे और लगातार निगरानी करेंगे.

    7. ड्रोन एमुलेटर

    दुश्मन के रडार सिस्टम को चकमा देने वाला फर्जी (डिकॉय) ड्रोन. यह असली ड्रोन जैसा प्रतीत होगा, लेकिन असल उद्देश्य दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को भ्रमित करना होगा.

    8. एंटी-राडार डिकॉय स्वार्म

    500 किमी रेंज और ध्वनि की गति के .9 गुणक की रफ्तार वाले ये हाई-स्पीड डिकॉय दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को कंफ्यूज करेंगे और उसे मिसफायर करने पर मजबूर करेंगे.

    9. हाई-स्पीड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर ड्रोन

    ये ड्रोन EW पेलोड और चाफ सिस्टम से लैस होंगे, जो दुश्मन की मिसाइलों को भटकाने और अपने टारगेट को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे.

    AESA रडार: 200 ड्रोन एकसाथ ट्रैक

    वायुसेना का नया नॉन-रोटेटिंग AESA रडार एक साथ 200 दुश्मन ड्रोन्स को ट्रैक कर सकता है. यह 360 डिग्री कवरेज वाला स्थिर रडार होगा, जो बेहद सटीक और रीयल टाइम डेटा देगा. इसके साथ ही, एयर-माइन सेंसर सिस्टम एक किमी परिधि में 2,000 मीटर ऊपर उड़ रहे किसी भी ड्रोन की हलचल पहचान सकता है.

    स्टेल्थ ड्रोन से स्मार्ट म्यूनिशन तक

    वायुसेना केवल डिफेंस ही नहीं, ऑफेंसिव क्षमता बढ़ाने पर भी काम कर रही है. इसमें शामिल हैं:

    • स्टेल्थ कॉम्बैट ड्रोन
    • मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) UAVs
    • स्मार्ट लॉइटरिंग म्यूनिशन – जो दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला कर सकें

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