नई दिल्ली: भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस साल मई में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर जाने वाले हैं. वे एक्सिओम मिशन 4 के तहत 14 दिनों के लिए अंतरिक्ष में रहेंगे. नासा द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस मिशन में चार देशों के चार अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे. यह मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा क्योंकि 1984 के बाद यह पहली बार है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा.
भारत से 40 साल बाद कोई अंतरिक्ष में जाएगा
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला वर्तमान में भारतीय वायुसेना में अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. वे अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे और ISS में जाने वाले पहले भारतीय होंगे. इससे पहले 1984 में, विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत यूनियन के सोयुज टी-11 स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष की यात्रा की थी.
चार देशों के अंतरिक्ष यात्री होंगे शामिल
Ax-4 मिशन में भारत, पोलैंड, हंगरी और अमेरिका के एस्ट्रोनॉट शामिल होंगे.
भारत: शुभांशु शुक्ला (मिशन पायलट)
पोलैंड: स्लावोज़ उज़्नान्स्की (मिशन स्पेशलिस्ट)
हंगरी: टिबोर कापू (मिशन स्पेशलिस्ट)
अमेरिका: पैगी व्हिटसन (कमांडर)
पोलैंड और हंगरी के लिए भी यह मिशन खास है, क्योंकि स्लावोज़ उज़्नान्स्की और टिबोर कापू अपने-अपने देशों से अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे एस्ट्रोनॉट होंगे. वहीं, अमेरिकी एस्ट्रोनॉट पैगी व्हिटसन इस मिशन की कमांडर होंगी.
स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से होगी लॉन्चिंग
इस मिशन के तहत चारों अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार होंगे. यह कैप्सूल फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से लॉन्च किया जाएगा. मिशन की लॉन्चिंग की तारीख अंतिम स्वीकृति और तैयारियों के अनुसार तय की जाएगी.
मिशन के उद्देश्य
Ax-4 मिशन अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसके तहत निम्नलिखित उद्देश्यों पर कार्य किया जाएगा:
विज्ञान और अनुसंधान: माइक्रोग्रैविटी में विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे.
नई तकनीकों का परीक्षण: अंतरिक्ष में नई तकनीकों को परखा और विकसित किया जाएगा.
अंतरराष्ट्रीय सहयोग: विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को सहयोग और अनुभव साझा करने का अवसर मिलेगा.
शिक्षा और प्रेरणा: इस मिशन के जरिए पृथ्वी पर लोगों को अंतरिक्ष के प्रति जागरूक किया जाएगा.
प्राइवेट स्पेस मिशन का नया अध्याय
Ax-4 एक निजी स्पेस मिशन है, जिसे अमेरिका की एक्सिओम स्पेस और नासा के सहयोग से अंजाम दिया जा रहा है. यह एक्सिओम स्पेस का चौथा मिशन है. इससे पहले:
Ax-1 (अप्रैल 2022): पहला मिशन, जिसमें चार एस्ट्रोनॉट्स ने ISS पर 17 दिन बिताए.
Ax-2 (मई 2023): इसमें चार अंतरिक्ष यात्रियों ने 8 दिन स्पेस में गुजारे.
Ax-3 (जनवरी 2024): चालक दल ने ISS पर 18 दिन बिताए.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) एक विशाल अंतरिक्ष प्रयोगशाला है, जो पृथ्वी की परिक्रमा करती है. यह लगभग 28,000 किमी/घंटा की गति से यात्रा करता है और हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है. इसे अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान और कनाडा की स्पेस एजेंसियों ने मिलकर विकसित किया है. नवंबर 1998 में ISS का पहला मॉड्यूल लॉन्च किया गया था.
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