कितनी तीव्रता वाला भूकंप सबसे खतरनाक? कितनी होती है तबाही

    Earthquake in Russia: अक्सर जब भूकंप की खबर आती है, तो दिल में डर की लहर दौड़ जाती है. लेकिन ज़रूरी नहीं कि हर भूकंप विनाशकारी हो. भूकंप की ताकत और उसका प्रभाव ‘रिक्टर स्केल’ पर मापी जाती तीव्रता पर निर्भर करता है.

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    Earthquake in Russia: अक्सर जब भूकंप की खबर आती है, तो दिल में डर की लहर दौड़ जाती है. लेकिन ज़रूरी नहीं कि हर भूकंप विनाशकारी हो. भूकंप की ताकत और उसका प्रभाव ‘रिक्टर स्केल’ पर मापी जाती तीव्रता पर निर्भर करता है. थाईलैंड और म्यांमार जैसे भूकंप प्रभावित इलाकों की तरह, भारत समेत कई देशों में रोज़ाना सैकड़ों भूकंप दर्ज होते हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश इंसान महसूस भी नहीं कर पाते.

    कितनी तीव्रता का भूकंप, कितना असर करता है?

    2.0 से नीचे की तीव्रता: ऐसे भूकंप धरती के भीतर तो रोज़ाना लगभग 8,000 बार होते हैं, लेकिन इनका कोई असर नहीं होता, ये पूरी तरह इंसान की पकड़ से बाहर रहते हैं.

    2.0 से 2.9 की तीव्रता: इस श्रेणी के भूकंप हर दिन करीब 1,000 बार दर्ज होते हैं, लेकिन ज़्यादातर मामलों में इन्हें भी महसूस नहीं किया जा सकता.

    3.0 से 3.9 की तीव्रता: इनकी संख्या सालाना करीब 49,000 होती है. कुछ मामलों में लोग इन्हें हल्का-सा महसूस कर सकते हैं, लेकिन नुकसान की संभावना कम होती है.

    4.0 से 4.9 की तीव्रता: इस स्तर के झटकों से थरथराहट महसूस होती है और कभी-कभी मामूली नुकसान भी हो सकता है. ऐसे भूकंप साल में लगभग 6,200 बार आते हैं.

    5.0 से 5.9 की तीव्रता: ये झटके कमजोर और पुरानी इमारतों के लिए ख़तरनाक साबित हो सकते हैं. दुनिया भर में सालाना 800 बार ऐसे भूकंप दर्ज किए जाते हैं.

    6.0 से 6.9 की तीव्रता: इनकी मारक क्षमता बढ़ जाती है. ये लगभग 160 किलोमीटर तक के इलाके में तबाही फैला सकते हैं. ऐसे शक्तिशाली भूकंप साल में लगभग 120 बार होते हैं.

    7.0 से 7.9 की तीव्रता: इस श्रेणी के भूकंप व्यापक क्षेत्र में भारी तबाही ला सकते हैं. इनकी औसत आवृत्ति साल में करीब 18 बार होती है.

    8.0 से 8.9 की तीव्रता: ऐसे झटकों से सैकड़ों किलोमीटर के इलाके में तबाही मच सकती है. इनका आना बहुत दुर्लभ होता है—साल में एक बार या उससे भी कम.

    9.0 से 9.9 की तीव्रता: सबसे विनाशकारी श्रेणी. हजारों किलोमीटर तक असर डालने वाला ये भूकंप लगभग 20 वर्षों में एक बार आता है और इसके नतीजे भयावह होते हैं.

    आख़िर भूकंप आता क्यों है?

    भूकंप आने की सबसे अहम वजह होती है धरती की टेक्टोनिक प्लेट्स का आपस में टकराना. पूरी पृथ्वी 12 बड़ी प्लेट्स पर टिकी हुई है, जो एक तरल लावा जैसी परत पर तैरती हैं. ये प्लेटें निरंतर बेहद धीमी गति से—लगभग 4 से 5 मिलीमीटर प्रति वर्ष अपनी जगह बदलती रहती हैं. जब कोई प्लेट दूसरी के नज़दीक आती है या उससे टकराती है, तो उनके बीच संघर्ष और घर्षण से ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो धरती की सतह तक झटकों के रूप में महसूस होती है. यही ऊर्जा जब तेज़ होती है, तो वह भूकंप में बदल जाती है.

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