हमास चीफ मोहम्मद सिनवार को IDF ने फिल्मी अंदाज में किया ढ़ेर, इजरायल ने जारी किया वीडियो, देखें

    इज़रायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने हाल ही में गाज़ा में एक हाई-प्रोफाइल सैन्य ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें हमास के वरिष्ठ नेता मोहम्मद सिनवार और मोहम्मद सबानेह को लक्षित कर मार गिराया गया.

    Hamas chief Mohammad Sinwar was killed by IDF
    Image Source: Social Media

    तेल अवीव/गाज़ा: इज़रायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने हाल ही में गाज़ा में एक हाई-प्रोफाइल सैन्य ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें हमास के वरिष्ठ नेता मोहम्मद सिनवार और मोहम्मद सबानेह को लक्षित कर मार गिराया गया. अब इस अभियान से जुड़ा एक वीडियो और विवरण सार्वजनिक किया गया है, जो इस ऑपरेशन की जटिलता और रणनीतिक परिशुद्धता को दर्शाता है.

    IDF द्वारा जारी वीडियो में एक 3D ग्राफिक के माध्यम से दिखाया गया है कि हमास के कथित कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर को गाज़ा के एक अस्पताल के नीचे किस प्रकार छिपाया गया था. इज़रायल के अनुसार, यह भूमिगत संरचना सैन्य गतिविधियों की योजना और समन्वय का केंद्र थी.

    तकनीक और खुफिया समन्वय

    IDF ने इस अभियान को बहुस्तरीय और उच्च तकनीकी क्षमताओं से संपन्न बताया है. इसमें इज़रायल की खुफिया एजेंसियों (विशेष रूप से ISA) के सहयोग, हवाई निगरानी, और उन्नत निर्देशित हथियार प्रणालियों के संयोजन से लक्ष्य को सटीक रूप से पहचाना और निष्पादित किया गया.

    इज़रायल ने दावा किया है कि इस हमले की योजना बनाते समय नागरिकों को हानि से बचाने के लिए विशेष सावधानियां बरती गईं. हमले के दौरान अस्पताल की कार्यप्रणाली को क्षति नहीं पहुंचाने के लिए टारगेटेड स्ट्राइक को प्राथमिकता दी गई.

    राजनीतिक पुष्टि और रणनीतिक संदेश

    इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 28 मई को संसद में दिए अपने बयान में पुष्टि की कि मोहम्मद सिनवार को “क्लीन ऑपरेशन” के जरिए समाप्त कर दिया गया है. यह हमास नेतृत्व पर इज़रायल की श्रृंखलाबद्ध कार्रवाइयों की अगली कड़ी मानी जा रही है. इससे पहले इस्माइल हनीया, मोहम्मद देइफ, और याह्या सिनवार को भी लक्षित किया गया था.

    नेतन्याहू के इस वक्तव्य से यह संकेत मिलता है कि इज़रायल फिलहाल हमास के नेतृत्व ढांचे को रणनीतिक रूप से कमजोर करने की दिशा में सक्रिय है.

    विवाद और प्रतिक्रिया

    जहां इज़रायल ने इस कार्रवाई को एक "न्यायसंगत और सटीक सैन्य मिशन" बताया है, वहीं कुछ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने अस्पतालों जैसे असैन्य ढांचों के नीचे सैन्य सुविधाओं की उपस्थिति पर चिंता जताई है. यह सवाल भी उठाया गया है कि क्या इस तरह की कार्रवाइयां नागरिक क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं, भले ही तकनीकी रूप से इन्हें सावधानीपूर्वक अंजाम दिया गया हो.

    हालांकि, IDF का जोर इस बात पर है कि अस्पताल की संरचना या कार्य में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया और केवल लक्षित आतंकियों को ही मार गिराया गया.

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