Gujarat Cyber Crime Cell: जब तकनीक का इस्तेमाल अपराध के लिए होने लगे और ठग देश की सीमाओं के पार बैठकर भारत में डिजिटल लूट मचाने लगें, तब एक जवाब जरूरी होता है और इस बार वह जवाब गुजरात पुलिस का साइबर क्राइम यूनिट बना है. बीते 15 दिनों में गुजरात पुलिस ने एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई करते हुए न केवल देश के भीतर बल्कि नेपाल, कंबोडिया और दुबई जैसे देशों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों की कमर तोड़ दी है.
गुजरात के चार बड़े शहरों — अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा — की साइबर क्राइम टीमें और राज्य साइबर क्राइम सेल ने 12 अहम मामलों को सुलझाकर एक मिसाल पेश की है. गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने इस सफलता के लिए पुलिस टीमों को बधाई देते हुए कहा कि यह "साइबर अपराधियों को साफ संदेश" है.
कंबोडियाई-चीनी साइबर गिरोह का भंडाफोड़
16 मई को अहमदाबाद साइबर क्राइम टीम ने कंबोडिया और नेपाल से ऑपरेट हो रहे एक चीनी गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया. इन लोगों ने प्रणय भावसार नाम के एक व्यक्ति के ICICI बैंक खाते से करीब 49 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी. आरोपियों ने पीड़ित को नेपाल के एक होटल में 6 दिन तक बंधक बनाकर डिजिटल गिरफ्तारी, निवेश धोखाधड़ी और टेलीग्राम टास्क जैसे स्कैम को अंजाम दिया. इस गिरोह के खिलाफ 200 से अधिक शिकायतें NCCR पोर्टल पर दर्ज हैं.
इसके अलावा, 14 मई को सूरत से जनक भलाला और भावेश बोरड़ को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने खुद को मुंबई पुलिस का इंस्पेक्टर बताकर एक महिला को डिजिटली गिरफ्तार कर 14.94 लाख रुपये की ठगी की थी.
दुबई और नेपाल कनेक्शन उजागर
सूरत साइबर सेल ने 2 मई को दुबई से साइबर फ्रॉड ऑपरेट करने वाले अनिलभाई खेनी को गिरफ्तार किया, जो POS मशीन के ज़रिए ठगी करता था. वहीं 7 मई को वापी के राहुल चौधरी को फॉरेक्स स्कैम में गिरफ्तार किया गया, जिसने 9.3 लाख की ठगी की थी. 15 मई को 98.85 लाख की धोखाधड़ी करने वाले अमित कुमार और सुमित कुमार ठाकुर को पकड़ा गया. इसके बाद 16 मई को एक 90 वर्षीय बुजुर्ग को सीबीआई/ईडी अधिकारी बनकर ठगने वाले नेपाल निवासी पार्थ गोपानी को लखनऊ एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया.
सोशल मीडिया से लेकर स्ट्रीमिंग फ्रॉड तक
राजकोट में साइबर क्राइम टीम ने 2 मई को ऑनलाइन जुए का प्रचार करने वाले 9 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स पर शिकंजा कसा. वहीं वडोदरा में 2.71 करोड़ की धोखाधड़ी में से 1.01 करोड़ रुपये रिकवर किए गए. पुणे से पकड़े गए आरोपी ने 50 लाख रुपये 15 से अधिक बैंक खातों के जरिए घुमाए थे. राज्य साइबर क्राइम सेल ने IPTV स्कैम के मामले में BOSIPTV के खिलाफ जांच शुरू की है, जिसमें अवैध स्ट्रीमिंग के जरिए भारतीय चैनलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा था.
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