इस्लाम धर्म कबूल रहे ट्रंप! सोशल मीडिया पर क्यों हो रही ऐसी चर्चा? लोगों ने दिए नए नाम के सुझाव

    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हालिया खाड़ी दौरा (Middle East Tour) हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है. ट्रंप ने सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का दौरा किया, जो उनके राष्ट्रपति बनने के बाद पहला आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय दौरा था.

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    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हालिया खाड़ी दौरा (Middle East Tour) हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है. ट्रंप ने सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का दौरा किया, जो उनके राष्ट्रपति बनने के बाद पहला आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय दौरा था. इस यात्रा में उन्हें जितना राजनीतिक स्वागत मिला, उतनी ही दिलचस्प प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर भी देखने को मिलीं.

    अरब देशों में भव्य स्वागत

    ट्रंप के दौरे की शुरुआत सऊदी अरब से हुई, जहां उन्हें विशेष सम्मान दिया गया. इसके बाद वह कतर पहुंचे, जहां कतर के अमीर ने खुद उन्हें एयरपोर्ट पर स्वागत किया. रेड साइबर ट्रक, पारंपरिक ऊंटों और अरब संस्कृति के रंग में रंगे इस भव्य स्वागत ने दुनियाभर का ध्यान खींचा. ट्रंप भी इन परंपराओं में दिलचस्पी दिखाते नजर आए.

    सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मजेदार वीडियो

    दौरे के बीच एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें मिस्र के एक इस्लामी विद्वान मुस्तफा अल-अदावी डोनाल्ड ट्रंप से इस्लाम अपनाने की अपील कर रहे हैं. वे वीडियो में कहते हैं. “इस्लाम कबूल कर लो, अल्लाह के सामने सिर झुका दो और निजात पाओ.” यह वीडियो Russia Times के X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से शेयर किया गया था. हालांकि वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल बने हुए हैं और इसकी पुष्टि आजतक नहीं करता.

    ट्रंप के लिए बने नए नाम ‘डोनाल्ड बिन ट्रंप’

    इस वायरल वीडियो और ट्रंप की अरब संस्कृति में रुचि के चलते सोशल मीडिया पर यूजर्स ने मजेदार प्रतिक्रियाएं दीं. किसी ने उन्हें “डोनाल्ड खान” तो किसी ने “डोनाल्ड बिन ट्रंप” कह डाला. कुछ लोगों ने उन्हें मुस्लिम टोपी पहने हुए एडिट की गई तस्वीरें भी पोस्ट कीं. एक यूजर ने लिखा – “अब यह ट्रंप नहीं, ट्रंपुद्दीन हैं.”

    डिप्लोमैटिक संकेत भी दे गया दौरा

    विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह खाड़ी दौरा सिर्फ दोस्ती का नहीं, बल्कि अमेरिकी विदेश नीति में संभावित बदलाव का संकेत भी हो सकता है. यह दौरा बताता है कि अमेरिका की नज़र में अब अरब देशों की अहमियत और रणनीतिक साझेदारी और बढ़ रही है.

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