भारत को मिला स्टील्थ लड़ाकू विमान को ट्रैक करने का हैक? वायुसेना ने F-35 को चुटकी में डिटेक्ट किया

    क्या भारतीय वायुसेना ने स्टील्थ तकनीक के रहस्य को भेदने में बड़ी सफलता हासिल कर ली है?

    Did India get the hack to track stealth fighter jets?
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    नई दिल्ली: क्या भारतीय वायुसेना ने स्टील्थ तकनीक के रहस्य को भेदने में बड़ी सफलता हासिल कर ली है? क्या भारत अब उन फाइटर जेट्स को भी देख सकता है जिन्हें दुनिया का सबसे 'अदृश्य' विमान माना जाता है? हाल की एक घटना ने इस सवाल को हवा दे दी है और यही खबर आज चीन और पाकिस्तान के लिए सबसे बुरी है.

    भारत के रडार में फंसा F-35B फाइटर जेट

    14 जून को ब्रिटेन के अत्याधुनिक F-35B स्टील्थ फाइटर जेट को तकनीकी खराबी के चलते तिरुवनंतपुरम में आपात लैंडिंग करनी पड़ी. लेकिन यहां चौंकाने वाली बात ये है कि भारतीय वायुसेना के इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) ने इस स्टील्थ विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसने से पहले ही पहचान लिया और ट्रैक करना शुरू कर दिया.

    F-35B दुनिया का ऐसा फाइटर जेट है जो अपने रडार-चूभ प्रभाव (Low Radar Cross Section) के लिए फेमस है. इसे रडार पर पकड़ना लगभग असंभव माना जाता है. लेकिन भारत के रडार सिस्टम ने इसे न केवल ट्रैक किया, बल्कि उसकी पहचान भी सटीकता से कर ली.

    IACCS: भारत का ‘अदृश्य शिकारी’

    IACCS भारतीय वायुसेना का हाई-टेक एयर डिफेंस नेटवर्क है, जिसमें एडवांस रडार, सेंसर, डेटा लिंक और कमांड सिस्टम जुड़े हुए हैं. माना जाता था कि स्टील्थ जेट्स इसके जाल में आसानी से नहीं फंसते, लेकिन इस घटना ने साबित कर दिया कि भारत अब पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स को भी पकड़ने की क्षमता रखता है.

    क्या ये सिर्फ संयोग था या भारत के वैज्ञानिकों ने कोई नई ‘स्टील्थ ब्रेकिंग’ तकनीक विकसित कर ली है? इस पर आधिकारिक पुष्टि भले न हो, लेकिन सैन्य विशेषज्ञ मान रहे हैं कि भारत का एयर डिफेंस अब दुनिया के टॉप टियर में पहुंच चुका है.

    चीन-पाक के लिए खतरे की घंटी

    F-35B को दुनिया में सबसे खतरनाक मल्टी-रोल फाइटर जेट्स में गिना जाता है. चीन और पाकिस्तान भी अपनी सेनाओं को स्टील्थ तकनीक से लैस करने में जुटे हैं. चीन का J-20 फाइटर और पाकिस्तान की संभावित FC-31 डील अब भारत के इस नए रडार ट्रैकिंग दायरे में आ सकते हैं.

    अगर भारत स्टील्थ विमानों की पहचान करने में सक्षम हो गया है, तो यह एशिया के सामरिक संतुलन को बदल सकता है. इसका मतलब ये होगा कि चीन और पाकिस्तान के पास 'अदृश्य' रहने का खेल खत्म हो गया है.

    भारत का एयर डिफेंस शील्ड बन रहा अभेद्य

    भारत पहले ही रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीद चुका है. इसके साथ ही भारत खुद भी हाई-एंड मिसाइल डिफेंस प्रोजेक्ट्स पर तेज़ी से काम कर रहा है:

    • प्रोजेक्ट कुशा: देश में बना नया लॉन्ग रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम, जो एस-400 को कड़ी टक्कर देगा.
    • QRSAM: बेहद तेज़ प्रतिक्रिया वाली शॉर्ट रेंज मिसाइल डिफेंस.
    • आकाशतीर: भारतीय सेना का नया एंटी-एयरक्राफ्ट कंट्रोल सिस्टम.
    • IACCS: जो अब स्टील्थ विमानों की पहचान करने में भी माहिर साबित हो रहा है.

    क्या भारत ने वाकई 'स्टील्थ कोड' क्रैक किया?

    इस सवाल का जवाब भारत की ओर से नहीं आया है. लेकिन इतना तो तय है कि अगर भारत ने सच में स्टील्थ विमानों को ट्रैक करने की तकनीक विकसित कर ली है, तो यह सिर्फ एक तकनीकी जीत नहीं, बल्कि रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक है.

    दुनिया भर में सैन्य ताकतें अब भारत की इस क्षमता को गंभीरता से देख रही हैं. यह घटना भारत की हवाई सुरक्षा में गेम चेंजर साबित हो सकती है — और यही वजह है कि चीन और पाकिस्तान के रणनीतिक गलियारों में बेचैनी बढ़ रही है.

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