15 मई से पहले लगवा लें ये डिवाइस नहीं तो होगी सख्त कार्रवाई, दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेश

    दिल्ली में रह रहे लोगों के लिए एक जरूरी अपडेट है. अगर आपके पास 500 गज से बड़ा प्लॉट है या आप किसी 1+5 (ग्राउंड प्लस 5 फ्लोर) कमर्शियल बिल्डिंग के मालिक हैं,  तो अब आपको सरकार के नए प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करना होगा.

    Delhi Government on air quality monitoring device on construction sites
    Image Source: ANI

    दिल्ली में रह रहे लोगों के लिए एक जरूरी अपडेट है. अगर आपके पास 500 गज से बड़ा प्लॉट है या आप किसी 1 5 (ग्राउंड प्लस 5 फ्लोर) कमर्शियल बिल्डिंग के मालिक हैं,  तो अब आपको सरकार के नए प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करना होगा. दिल्ली सरकार ने 15 मई तक इसे अनिवार्य कर दिया है, वरना सख्त कार्रवाई तय है.

    बिल्डर्स और मालिक ध्यान दें: AQI डिवाइस लगाना अब अनिवार्य

    पर्यावरण मंत्री मजिंदर सिंह सिरसा ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में 500 गज से अधिक के किसी भी निर्माण स्थल पर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग डिवाइस लगाना जरूरी होगा. ये डिवाइस सीधे सरकार के नियंत्रण कक्ष (Control Room) से जुड़ा रहेगा. जैसे ही प्रदूषण का स्तर तय सीमा से ऊपर जाएगा, बिल्डर को तत्काल अलर्ट मिलेगा.

    मॉल, ऑफिस, कॉम्प्लेक्स: अब छतों पर लगेगी Anti-Smog Gun

    सरकार का निर्देश है कि दिल्ली में जितनी भी 1 5 मंजिला या उससे ऊंची कमर्शियल इमारतें हैं. चाहे वो मॉल हो, ऑफिस हो, सरकारी दफ्तर या निजी टॉवर उनकी छतों पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा. इससे निर्माण या यातायात से पैदा हो रहे प्रदूषण को तुरंत काबू किया जा सकेगा. इससे पहले सिर्फ बड़े निर्माण स्थलों पर ये नियम लागू थे, लेकिन अब हर बड़ी बिल्डिंग को फॉलो करना होगा.

    पुरानी गाड़ियों को दिल्ली में नहीं मिलेगी एंट्री

    सिर्फ इमारतें ही नहीं, दिल्ली सरकार अब बाहरी राज्यों से आने वाली 10 और 15 साल पुरानी गाड़ियों पर भी सख्ती से नजर रखेगी. दिल्ली बॉर्डर पर कैमरे और नंबर प्लेट रीडर टेक्नोलॉजी लगाई जा रही है. जैसे ही कोई पुरानी गाड़ी एंटर करने की कोशिश करेगी, ऑटोमैटिक अलर्ट मिल जाएगा. उस वाहन को तुरंत मुड़ने की चेतावनी दी जाएगी — नहीं माने, तो कार्रवाई तय है.

    सरकार की मंशा: प्रदूषण घटे, सिस्टम हो स्मार्ट

    दिल्ली सरकार की ओर से यह कदम प्रदूषण पर तकनीकी और स्मार्ट एक्शन प्लान का हिस्सा है. पर्यावरण मंत्री ने कहा है कि यह योजना सिर्फ कागज़ी नहीं होगी, बल्कि रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और ऑन-स्पॉट एक्शन पर आधारित है.