नई दिल्ली/बीजिंग: चीन एक बार फिर भारत की संप्रभुता को चुनौती देता दिख रहा है. इस बार उसकी नजर लद्दाख के उत्तरी छोर पर स्थित शक्सगाम घाटी पर है, जहां उसने चुपचाप सड़क निर्माण कर डाला है. यह खुलासा ताज़ा सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है. खास बात यह है कि यह इलाका भारतीय क्षेत्र है, जिसे पाकिस्तान ने 1963 में एक अवैध समझौते के तहत चीन को सौंप दिया था- एक ऐसा समझौता जिसे भारत ने कभी मान्यता नहीं दी.
शक्सगाम घाटी: भारत का भूभाग, चीन का अतिक्रमण
शक्सगाम घाटी भौगोलिक रूप से लद्दाख के सबसे उत्तर में, सियाचिन ग्लेशियर के ठीक आगे स्थित है. 1947 में भारत की आज़ादी के बाद यह पूरा क्षेत्र भारतीय सीमा में था, लेकिन 1962 में भारत-चीन युद्ध के ठीक बाद पाकिस्तान ने चीन से गुपचुप सौदा कर लिया और भारत के हिस्से की ज़मीन उसे सौंप दी. तब से यह इलाका चीन के कब्जे में है, लेकिन भारत ने कभी इस अवैध कब्जे को मान्यता नहीं दी.
सैटेलाइट से खुलासा: चीन का सड़क नेटवर्क विस्तार
खुलासा हुआ है कि चीन अब यहां सड़कें बिछा रहा है. ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस एक्सपर्ट नेचर देसाई ने ताजा सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण करते हुए बताया कि यह नई सड़क G219 हाईवे (जो अक्साई चिन से होकर गुजरता है) से निकलती है और अघिल पास के जरिए शक्सगाम घाटी में प्रवेश करती है. यह इलाका भारत और चीन के बीच ऐतिहासिक सीमावर्ती क्षेत्र माना जाता है.
Breaking:
— Nature Desai (@NatureDesai) July 28, 2025
Amidst a thaw in 🇨🇳🇮🇳 relations, the 🇨🇳 have completed a new road cutting via traditional frontier pass i.e. Shaksgam Pass thereby completing a road loop. The 🇨🇳 have now two-pronged entry to the Shaksgam valley
General overview of the new developments attached
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नेचर देसाई ने इसी सड़क निर्माण की पहली जानकारी 2024 में साझा की थी. अब वह सड़क तैयार होती दिख रही है और ये भारत के लिए केवल एक भौगोलिक चिंता नहीं, बल्कि रणनीतिक चुनौती है.
भारत की दो-टूक नीति: शक्सगाम हमारा है
भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि शक्सगाम घाटी उसके अधिकार क्षेत्र में आती है और 1963 का चीन-पाकिस्तान सीमा समझौता नाजायज़ है. जुलाई 2024 में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, "शक्सगाम घाटी भारत का अभिन्न हिस्सा है. हमने कभी 1963 के तथाकथित समझौते को मान्यता नहीं दी, जिसमें पाकिस्तान ने अवैध रूप से इस ज़मीन को चीन को देने की कोशिश की थी."
भारत की नीति साफ है, जो इलाका भारतीय नक्शे में आता है, उस पर चीन और पाकिस्तान की किसी भी गतिविधि को न केवल अवैध माना जाएगा, बल्कि अस्वीकार्य भी.
चीन-पाकिस्तान की साज़िश: संयुक्त अभियानों की तैयारी?
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की 2024 की रिपोर्ट में पाकिस्तानी पत्रकार टॉम हुसैन ने दावा किया था कि चीन और पाकिस्तान मिलकर गिलगित-बाल्टिस्तान के ज़रिए चीन तक नया जमीनी रास्ता बना रहे हैं. इसका उद्देश्य सिर्फ व्यापारिक कनेक्टिविटी नहीं, बल्कि भारतीय सेना के खिलाफ संयुक्त सैन्य अभियानों की तैयारी है.
ऐसे में शक्सगाम घाटी में सड़क निर्माण सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि भविष्य की रणनीतिक जंग की बुनियाद जैसा लगता है.
नज़रें अक्साई चिन और POK पर भी
चीन पहले ही अक्साई चिन में मजबूत सड़क नेटवर्क और सैन्य ढांचा बना चुका है. अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) और शक्सगाम घाटी में उसकी गतिविधियाँ भारत के लिए सुरक्षा, भू-राजनीति और संप्रभुता तीनों मोर्चों पर चुनौती हैं.
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