अचानक क्या हुआ? हवा में उड़ान भरने के बाद...जापान में ब्रिटिश F-35 फाइटर जेट की हुई इमरजेंसी लैंडिंग

    दक्षिण-पश्चिमी जापान के कागोशिमा एयरपोर्ट पर रविवार को ब्रिटेन का अत्याधुनिक F-35B स्टील्थ फाइटर जेट तकनीकी खराबी के चलते अचानक उतारना पड़ा. यह दूसरी बार है जब कुछ ही महीनों के भीतर इसी प्रकार के विमान को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी है.

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    दक्षिण-पश्चिमी जापान के कागोशिमा एयरपोर्ट पर रविवार को ब्रिटेन का अत्याधुनिक F-35B स्टील्थ फाइटर जेट तकनीकी खराबी के चलते अचानक उतारना पड़ा. यह दूसरी बार है जब कुछ ही महीनों के भीतर इसी प्रकार के विमान को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी है. इससे पहले जून में भारत के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर भी ब्रिटिश F-35B को इसी तरह उतरना पड़ा था, जहां वह एक महीने से अधिक समय तक खड़ा रहा था.

    क्योडो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार सुबह करीब 11:30 बजे विमान में गड़बड़ी आने के बाद पायलट ने कागोशिमा एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला लिया. इस घटना के बाद रनवे करीब 20 मिनट के लिए बंद रहा, जिससे कुछ व्यावसायिक उड़ानों का शेड्यूल प्रभावित हुआ. हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. यह विमान ब्रिटिश सेनाओं का हिस्सा है, जो 4 अगस्त से जापान के समुद्री आत्मरक्षा बल और अमेरिकी सेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास में शामिल है. यह अभ्यास मंगलवार तक चलना है.

    पिछले हादसे की गूंज

    जुलाई की शुरुआत में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जब ब्रिटिश नौसेना का एक F-35B फाइटर जेट हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी के कारण भारत के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर उतारना पड़ा था. यह विमान 14 जून को इमरजेंसी लैंडिंग के बाद 22 जुलाई तक वहीं खड़ा रहा. भारतीय वायुसेना और स्थानीय प्रशासन ने उस समय ईंधन भरने से लेकर तकनीकी सहायता तक हर संभव मदद की थी.

    एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स का हिस्सा

    ब्रिटिश नौसेना का यह फाइटर जेट एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स से जुड़ा है. नियमित उड़ान के दौरान तकनीकी समस्या आने पर यह जहाज पर लौटने के बजाय नजदीकी इमरजेंसी रिकवरी एयरफील्ड—तिरुवनंतपुरम—की ओर मोड़ा गया. वहां से ब्रिटिश दल ने मरम्मत का काम पूरा करने के बाद विमान को रवाना किया.

    भारत-यूके रक्षा संबंध

    तिरुवनंतपुरम से रवाना होते समय ब्रिटिश उच्चायोग ने भारतीय अधिकारियों के सहयोग के लिए आभार जताया था और कहा था कि यह घटना भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने का अवसर है.

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