Vande Bharat Sleeper Train: भारतीय रेलवे लंबी दूरी के यात्रियों को एक नया और आधुनिक सफर अनुभव देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है. देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को पटना और दिल्ली के बीच चलाने की तैयारी की जा रही है.
इस फैसले से बिहार के यात्रियों, खासकर भोजपुर जिले के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. प्रस्तावित योजना के तहत इस हाई-स्पीड स्लीपर ट्रेन का आधिकारिक ठहराव आरा जंक्शन पर दिया जाएगा, जिससे आसपास के जिलों के यात्रियों को भी सीधा लाभ मिलेगा.
आरा जंक्शन को मिलेगा बड़ा फायदा
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को आरा स्टेशन पर ठहराव दिए जाने का प्रस्ताव भोजपुर जिले के लिए एक बड़ी सौगात माना जा रहा है. इससे न सिर्फ आरा बल्कि आसपास के ग्रामीण और शहरी इलाकों के यात्रियों को राजधानी दिल्ली के लिए एक तेज, सुरक्षित और आरामदायक विकल्प मिलेगा. इसके साथ ही पटना से मुंबई के बीच प्रस्तावित वंदे भारत ट्रेन को भी आरा जंक्शन पर रुकने की योजना है, जिससे यह स्टेशन पूर्वी भारत के एक महत्वपूर्ण रेल हब के रूप में उभर सकता है.
तेजस से भी कम समय में तय होगा सफर
पटना से दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 140 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह ट्रेन मौजूदा तेजस राजधानी एक्सप्रेस से भी कम समय में दिल्ली पहुंचने में सक्षम होगी. जहां तेजस राजधानी को पटना से दिल्ली तक पहुंचने में लगभग 12 घंटे लगते हैं, वहीं वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का सफर इससे कम समय में पूरा होने की संभावना है. माना जा रहा है कि नए साल की शुरुआत के साथ ही इस ट्रेन का परिचालन शुरू किया जा सकता है.
सप्ताह में छह दिन चलेगी वंदे भारत स्लीपर
प्रस्तावित योजना के अनुसार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलाई जाएगी. इसका शेड्यूल मौजूदा तेजस राजधानी के समय के आसपास रखा जाएगा. ट्रेन शाम के समय पटना से रवाना होगी और अगले दिन सुबह दिल्ली पहुंचेगी. वापसी में भी यही व्यवस्था रहेगी ताकि यात्रियों को समय और सुविधा दोनों का बेहतर संतुलन मिल सके. यह टाइमिंग खासतौर पर नौकरीपेशा लोगों और लंबी दूरी की यात्रा करने वालों के लिए काफी अनुकूल मानी जा रही है.
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी ट्रेन
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई आधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है. ट्रेन में ‘कवच’ एंटी-कोलिजन सिस्टम लगाया जाएगा, जो संभावित टक्कर की स्थिति में अपने आप ट्रेन की गति को नियंत्रित कर लेता है. इसके अलावा कोचों में सील्ड गैंगवे, ऑटोमैटिक प्लग डोर, इमरजेंसी टॉक-बैक यूनिट और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की व्यवस्था होगी. स्लीपर कोच खासतौर पर लंबी दूरी के सफर को आरामदायक बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं.
लंबी दूरी के यात्रियों के लिए बड़ी राहत
फिलहाल देशभर में चेयर कार वाले करीब 164 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें संचालित हो रही हैं, लेकिन स्लीपर वेरिएंट की लंबे समय से मांग की जा रही थी. पटना-दिल्ली रूट पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की शुरुआत से उन यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी जो रात के सफर को प्राथमिकता देते हैं. आधुनिक सुविधाओं, तेज गति और बेहतर सुरक्षा के साथ यह ट्रेन भारतीय रेलवे की लंबी दूरी की यात्रा को एक नई दिशा देने वाली मानी जा रही है.
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