Buxar Mega Stadium: बक्सर जिले के युवाओं के लिए अब खेल सिर्फ सपना नहीं, बल्कि एक ठोस अवसर बनने जा रहा है. वर्षों से खेल सुविधाओं की कमी झेल रहे इस जिले को राज्य सरकार ने बड़ी सौगात दी है. आईटीआई मैदान पर 43.38 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक राज्य स्तरीय स्टेडियम के निर्माण का प्रस्ताव मंजूर हो चुका है, जो बक्सर को खेलों के नक्शे पर नई पहचान दिलाएगा.
इस मेगा स्पोर्ट्स प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी बिहार स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपी गई है. अधिकारियों के मुताबिक, स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा. यहां ट्रैक एंड फील्ड के साथ फुटबॉल, क्रिकेट, कबड्डी और वॉलीबॉल जैसे प्रमुख खेलों के लिए अलग-अलग सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
खिलाड़ियों के लिए आधुनिक सुविधाएं
स्टेडियम परिसर में खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल, अत्याधुनिक फिटनेस सेंटर, फ्लड लाइट सिस्टम और अंडरग्राउंड ड्रेनेज जैसी व्यवस्थाएं होंगी. इन सुविधाओं के चलते मौसम की मार खेल गतिविधियों में बाधा नहीं बनेगी और खिलाड़ी साल भर अभ्यास कर सकेंगे.
प्रगति यात्रा का वादा हुआ पूरा
मुख्यमंत्री की हालिया प्रगति यात्रा के दौरान बक्सर में खेल स्टेडियम की कमी का मुद्दा जोर-शोर से उठा था. युवाओं और जनप्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने स्टेडियम निर्माण का भरोसा दिलाया था. अब उसी वादे को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. परियोजना की अंतिम रूपरेखा तैयार है और बिडिंग प्रक्रिया भी जारी है. टेंडर पूरा होते ही निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है.
अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा खिलाड़ियों को
इस स्टेडियम के बनने से बक्सर के उभरते खिलाड़ियों को अपने ही जिले में उच्चस्तरीय प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं का मौका मिलेगा. बड़े टूर्नामेंट खेलने के लिए अब उन्हें दूसरे जिलों या राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा.
खेल पर्यटन से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
मेगा स्टेडियम का असर सिर्फ खेलों तक सीमित नहीं रहेगा. राज्य और अंतरराज्यीय प्रतियोगिताओं के आयोजन से बक्सर में खिलाड़ियों, कोचों और दर्शकों की आवाजाही बढ़ेगी. इससे होटल, परिवहन, खानपान और स्थानीय व्यवसायों को सीधा लाभ मिलेगा और खेल पर्यटन के रूप में जिले की नई पहचान बनेगी.
बक्सर के लिए एक नई शुरुआत
43.38 करोड़ रुपये की यह परियोजना बक्सर के खेल इतिहास में नया अध्याय जोड़ने जा रही है. यह स्टेडियम केवल एक संरचना नहीं, बल्कि उन हजारों युवाओं के सपनों का मंच बनेगा, जो वर्षों से बेहतर अवसर की तलाश में थे. अब उपेक्षा का दौर खत्म हो रहा है और बक्सर खेलों के मैदान में नई रफ्तार पकड़ने को तैयार है.
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