बिहार में वोटर लिस्ट से कितने नाम कटे, किस जिले में कितने लोग कर पाएंगे मतदान? यहां पढ़ें सबकुछ

    बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य में मतदाता सूची को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया है. मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान (Special Summary Revision - SSR/SIR) के बाद अब वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट यानी मसौदा जारी कर दिया गया है.

    Bihar Special intensive Revision election commission released district wise voters list data
    Image Source: ANI

    पटना: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी कर दी है. यह लिस्ट सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि चुनावी निष्पक्षता की बुनियाद मानी जा रही है. लेकिन इस लिस्ट के साथ जो आंकड़े सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं. पूर्वी चंपारण, मधुबनी और गोपालगंज जैसे बड़े जिलों के करीब तीन लाख मतदाता इस बार की लिस्ट से बाहर हो गए हैं. आयोग का कहना है कि यह सभी नाम मृत्यु, पलायन, डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन या स्थायी स्थानांतरण के चलते हटाए गए हैं.
     
    पटना में अब 46.5 लाख वोटर

    राजधानी पटना की बात करें तो यहां के 14 विधानसभा क्षेत्रों में अब 46,51,694 मतदाता बचे हैं, जबकि पिछली सूची में 50,47,194 नाम थे. यानी लगभग 3.95 लाख मतदाताओं को इस बार की सूची में जगह नहीं मिली. चुनाव आयोग के अनुसार, 92.16% मतदाताओं का नाम लिस्ट में अब भी बना हुआ है. बाकी लोगों के नाम हटने की वजह भी वही है — मृत्यु, स्थानांतरण या अनुपस्थित रहना.

    किशनगंज में सबसे बड़ा असर

    मुस्लिम बहुल किशनगंज जिला भी इस बार की लिस्ट में खासा प्रभावित नजर आ रहा है. कुल 1,45,913 वोटरों का नाम इस जिले से हटाया गया है. चारों विधानसभा क्षेत्रों — किशनगंज, ठाकुरगंज, बहादुरगंज और कोचाधामन — में अलग-अलग स्तर पर वोटर लिस्ट में बदलाव किया गया है.

    • किशनगंज: 49,340 नाम हटे
    • ठाकुरगंज: 29,277 नाम हटे
    • बहादुरगंज: 36,574 नाम हटे
    • कोचाधामन: 30,722 नाम हटे

    जिला निर्वाचन पदाधिकारी विशाल राज ने बताया कि जिले में पहले 12,03,910 मतदाता थे, जिनमें से अब 10,86,242 का ही सत्यापन हो सका. शेष 1.45 लाख लोग या तो मृत पाए गए, या फिर दो जगह रजिस्टर्ड थे या लापता थे.

    2 अगस्त से 1 सितंबर तक चलेंगे विशेष कैंप

    जिन लोगों का नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं आया है, उनके लिए 2 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक विशेष पुनरीक्षण कैंप आयोजित किए जाएंगे. इन कैंपों में मतदाता अपना नाम जुड़वाने, गलती सुधारने या दावा-आपत्ति दर्ज कराने के लिए आवेदन दे सकते हैं. राजनीतिक दलों को भी प्रारूप सूची की प्रति दे दी गई है ताकि वे अपने-अपने स्तर पर मतदाता सत्यापन में सहयोग कर सकें. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर आप अपना नाम वोटर लिस्ट में ऑनलाइन चेक कर सकते हैं. EPIC नंबर, नाम या पता डालकर यह प्रक्रिया बेहद आसान है.

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