Nitish Kumar Cabinet Meeting: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार, 9 दिसंबर 2024 को राज्य की कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में कुल 19 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मंजूरी दी गई. बैठक के दौरान कई ऐसे फैसले लिए गए, जिनका असर सीधे सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और युवाओं पर पड़ेगा. साथ ही प्रशासनिक ढांचे में बदलाव और नई योजनाओं को भी हरी झंडी दी गई.
कैबिनेट ने सरकारी सेवकों और पेंशनधारकों के महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि का फैसला किया. इस निर्णय के तहत अब एक जुलाई 2025 से 252 प्रतिशत की जगह महंगाई भत्ता 257 प्रतिशत के हिसाब से मिलेगा. यह बढ़ोतरी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों की आमदनी में सीधे सुधार लाने का प्रयास है.
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए यह फैसला विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि महंगाई दर लगातार बढ़ रही है और इसे देखते हुए भत्ते में यह पांच प्रतिशत की वृद्धि समय की मांग थी.
तीन नए विभागों का गठन
सरकारी मशीनरी की दक्षता बढ़ाने और आम नागरिकों की सेवा में सुधार लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने तीन नए विभाग बनाने का निर्णय लिया. अब बिहार सरकार कुल 48 विभागों के माध्यम से काम करेगी.
नई विभागों में शामिल हैं:
इन विभागों के गठन से बिहार में प्रशासनिक ढांचा और अधिक संगठित और लक्ष्यों पर केंद्रित होने की उम्मीद है.
मौजूदा विभागों के नाम में बदलाव
कैबिनेट बैठक में कई मौजूदा विभागों के नाम में बदलाव की भी मंजूरी दी गई. यह कदम न केवल विभागों के उद्देश्य को स्पष्ट करने के लिए है, बल्कि उनके कामकाज को और अधिक सटीक बनाने के लिए भी लिया गया. नए नाम इस प्रकार हैं:
इन बदलावों से विभागों की जिम्मेदारियों और प्राथमिकताओं को और स्पष्ट रूप से जनता के सामने पेश किया जा सकेगा.
युवाओं के कौशल विकास के लिए नए कदम
बिहार सरकार ने युवाओं के सशक्तिकरण और हुनर विकास के लिए 'विद्यार्थी कौशल कार्यक्रम' संचालित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए राज्य सरकार ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSEIL), मुंबई के साथ सहयोग करने का भी निर्णय लिया.
इस समझौते के तहत युवाओं को वित्तीय और तकनीकी कौशल सिखाने, उन्हें निवेश और स्टॉक मार्केट की समझ विकसित करने तथा उनकी आर्थिक संभावनाओं को बढ़ाने का अवसर मिलेगा. इस कदम से बिहार में शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में एक नया आयाम जुड़ने की उम्मीद है.
शहीद जवान के परिवार को नौकरी देने की मंजूरी
कैबिनेट ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए बीएसएफ सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज के पुत्र को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की मंजूरी भी दी. यह कदम राज्य सरकार की उन नीतियों का हिस्सा है, जो शहीदों के परिवारों के लिए सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करती हैं.
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