बिहार में शराबबंदी कानून तस्करों के लिए बना काल! अब तक 9 फांसी और 18 उम्रकैद की सजा, देखें आंकड़े

    बिहार में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद से पुलिस लगातार इस पर सख्ती से कार्यवाही कर रही है. राज्य में अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए इस समय 10 विशेष अभियान दल (SOG) सक्रिय हैं, जो शराब तस्करी के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं.

    Bihar liquor ban law Strict action 18 have been sentenced to life imprisonment  9 to death
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    Bihar News: बिहार में शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद से पुलिस लगातार इस पर सख्ती से कार्यवाही कर रही है. राज्य में अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए इस समय 10 विशेष अभियान दल (SOG) सक्रिय हैं, जो शराब तस्करी के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. बिहार पुलिस अब शराब के कारोबार में लिप्त तस्करों और अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसने के लिए तैयार है, और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी तैयारियां और भी तेज हो गई हैं.

    सख्त कदम: 390 चेक पोस्ट स्थापित

    बिहार में शराब तस्करी को रोकने के लिए राज्य की सीमा से सटे 23 जिलों में 390 चेक पोस्ट स्थापित किए जा रहे हैं. इन चेक पोस्टों का उद्देश्य अवैध शराब की तस्करी को रोका जा सके और तस्करों पर नकेल कसी जा सके. इसके अलावा, अन्य राज्यों के सीमावर्ती जिलों में 161 चेक पोस्ट स्थापित करने की योजना है. एडीजी (मद्य निषेध) अमित कुमार जैन ने बताया कि इन चेक पोस्टों का कार्य अवैध शराब की तस्करी पर पूरी तरह से काबू पाना होगा.

    स्मार्ट रणनीति: दूसरे राज्यों से सहयोग

    बिहार में शराब तस्करी मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों से हो रही है. बिहार पुलिस ने इन राज्यों के पुलिस प्रमुखों और उत्पाद आयुक्तों से सहयोग मांगा है. इसके अलावा, इन राज्यों से तस्करी करके लाई गई शराब की खेपों के बैच नंबर और क्यूआर कोड के माध्यम से दोषियों को चिन्हित किया जा रहा है.

    305 तस्करों की पहचान, कार्रवाई शुरू

    इस साल तक बिहार पुलिस ने 305 तस्करों की पहचान की है, जो विभिन्न राज्यों से शराब की तस्करी में शामिल थे. ये तस्कर अब चिह्नित किए जा चुके हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा, बिहार पुलिस ने 240 आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNSS) की धारा 107 के तहत भी कार्यवाही की है. इनमें से 76 लोगों को कोर्ट में समर्पित किया जा चुका है और शेष पर कार्रवाई जारी है. इस वर्ष जून तक कुल 8,546 आरोपियों को गुंडा पंजी में दर्ज किया गया है.

    मासिक बरामदगी: 75 हजार लीटर शराब

    बिहार पुलिस की मद्य निषेध इकाई द्वारा की जा रही छापेमारी में इस वर्ष जुलाई तक 5,22,096 लीटर अवैध शराब बरामद की गई है. विशेष अभियान दल के द्वारा प्रति महीने 75 हजार लीटर शराब की बरामदगी की जा रही है. पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल अवैध शराब की बरामदगी में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. विशेष दल ने राज्य के बाहर जाकर 19 ऑपरेशन किए हैं, जिनमें झारखंड में 7, उत्तर प्रदेश में 10 और छत्तीसगढ़ में 2 ऑपरेशन शामिल हैं.

    शराबबंदी कानून में मौत की सजा

    बिहार में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान है. अब तक 9 आरोपियों को इस कानून का उल्लंघन करने पर मौत की सजा सुनाई जा चुकी है. 18 आरोपियों को आजीवन कारावास और 222 आरोपियों को 10 वर्ष से अधिक की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा 935 आरोपियों को 2 से 10 वर्ष तक की सजा और 621 आरोपियों को 2 वर्ष से कम की सजा मिली है.

    आंकड़े: अवैध शराब की बरामदगी

    अप्रैल 2016 से जून 2025 तक बिहार पुलिस ने कुल 2 करोड़ 68 लाख 96 हजार 955 लीटर अवैध शराब जब्त की है. इसमें देशी शराब का आंकड़ा 1 करोड़ 1 लाख 6 हजार 24 लीटर है, जबकि विदेशी शराब का आंकड़ा 1 करोड़ 67 लाख 90 हजार 931 लीटर है. अब तक बरामद किए गए शराब के लगभग 97 प्रतिशत को नष्ट कर दिया गया है.

    निरंतर कार्रवाई: बिहार सरकार की प्रतिबद्धता

    बिहार सरकार शराबबंदी कानून को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. राज्य में अवैध शराब की तस्करी और बिक्री को लेकर पुलिस की कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है. बिहार पुलिस का उद्देश्य है कि राज्य में शराब के अवैध कारोबार को पूरी तरह समाप्त किया जाए और हर स्तर पर इसकी तस्करी पर कड़ा नियंत्रण रखा जाए. इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है ताकि शराब की तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके.  

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