Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्माता जा रहा है. हालांकि चुनावी प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक दलों की सक्रियता और रैलियों का दौर तेज हो चुका है. सभी की निगाहें अब चुनाव की तारीखों पर टिकी हैं कि आखिर यह कब घोषित होंगी और कितने चरणों में वोटिंग कराई जाएगी. ताजा जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग दिवाली और छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों का विशेष ध्यान रखते हुए चुनाव की तारीखें तय करने जा रहा है.
बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है, लिहाजा चुनाव प्रक्रिया उसी से पहले पूरी होनी जरूरी है. सूत्र बताते हैं कि इस बार चुनाव दो से तीन चरणों में कराए जा सकते हैं, जिससे त्योहारों के समय मतदाताओं को असुविधा न हो.
चुनाव आयोग का बिहार दौरा और तैयारियां
पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में तीन चरणों में हुए थे, जबकि 2015 में पांच चरणों में वोटिंग कराई गई थी. इस बार चुनाव आयोग बिहार में चुनाव कराने के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस महीने बिहार का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे. चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले चुनाव आयोग अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहा है और राजनीतिक दलों को भी जागरूक कर रहा है. कर्मचारियों को विशेष तौर पर यह निर्देश दिए गए हैं कि जब वोटर लिस्ट भेजी जाए, तो मतदाता उसमें अपनी जानकारी जांचें और यदि किसी तरह की गलती या शिकायत हो तो उसके लिए शिकायत और अपील का सही समय है. इससे अंतिम वोटर लिस्ट बनने से पहले समस्याओं को सुलझाया जा सकेगा.
वोटर लिस्ट में सुधार और BLO की भूमिका
चुनाव आयोग महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में हाल ही में हुए चुनावों में वोटर लिस्ट को लेकर आई परेशानियों को ध्यान में रखते हुए बिहार में खास कदम उठा रहा है. बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) को मजबूत ट्रेनिंग दी गई है और उन्हें पहचान पत्र भी दिए जाएंगे ताकि वे घर-घर जाकर वोटरों का सत्यापन कर सकें.
18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले युवा मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा. इस बार चुनाव आयोग ने ECINET नामक एक इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड भी शुरू किया है, जिससे चुनाव प्रक्रिया के तमाम कार्य एक जगह से आसानी से हो सकेंगे. इससे पहले इस काम के लिए लगभग 40 अलग-अलग ऐप और वेबसाइट्स का इस्तेमाल होता था. डुप्लीकेट वोटर पहचान पत्र (EPIC) को पूरी तरह समाप्त किया जा चुका है, जिससे चुनाव में फर्जी वोटिंग की संभावना घटेगी. साथ ही रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के आंकड़ों से मृतक मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाने का भी सिस्टम जुड़ गया है.
मतदान प्रक्रिया में बदलाव और नई सुविधाएं
चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि एक पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1200 वोटर ही हों, जबकि पहले यह संख्या 1500 थी. भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे ताकि मतदाता कम दूरी तय कर वोट डाल सकें. नई व्यवस्था के तहत हर मतदाता को पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर से अधिक नहीं चलना पड़ेगा. अब हाइराइज बिल्डिंग्स में भी पोलिंग बूथ स्थापित किए जाएंगे ताकि वहां रहने वाले मतदाता को सुविधा हो. पोलिंग बूथ के बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी. वोटर स्लिप पर सीरियल नंबर और पार्ट नंबर बड़े और स्पष्ट अंकों में होंगे, जिससे पहचान आसान हो.
चुनाव आयोग की नई टेक्नोलॉजी से लैस रणनीति
आगामी चुनाव में चुनाव आयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीप फेक जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है. जल्द ही चुनाव आयोग में एक विशेष सेल का गठन किया जाएगा, जो AI और फर्जी डिजिटल सामग्री पर नजर रखेगा. आयोग ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिए हैं कि वे AI के जरिए तैयार की गई प्रचार सामग्री पर स्पष्ट रूप से लिखें कि यह AI जनित है, ताकि मतदाता सही जानकारी के साथ चुनावी सामग्री देख सकें. बिहार विधानसभा चुनाव की ये नई तैयारियां इस बार चुनाव को ज्यादा पारदर्शी, सुव्यवस्थित और मतदाताओं के लिए सुविधाजनक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगी. अब सभी की नजरें चुनाव आयोग के तारीखों के ऐलान पर टिकी हैं.
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