क्या ईरान पर बड़ा हमला करने वाला है अमेरिका-इजरायल? "मिडल ईस्ट शेकडाउन" को लेकर बढ़ी हलचल

    US May Attack Iran: जून 2025 के बाद एक बार फिर मध्य पूर्व में जंग की आहट सुनाई दे रही है. अमेरिका और इजराइल मिलकर ईरान पर दोबारा हमला करने की तैयारी में हैं, और इसके पांच बड़े संकेत अब खुलकर सामने आ चुके हैं.

    Are America-Israel going to launch a major attack on Iran Middle East Shakedown
    Image Source: ANI/ File

    US May Attack Iran: जून 2025 के बाद एक बार फिर मध्य पूर्व में जंग की आहट सुनाई दे रही है. अमेरिका और इजराइल मिलकर ईरान पर दोबारा हमला करने की तैयारी में हैं, और इसके पांच बड़े संकेत अब खुलकर सामने आ चुके हैं.

    सवाल ये है कि क्या वाकई ईरान अगला निशाना बनने जा रहा है? क्या परमाणु कार्यक्रम को लेकर वॉशिंगटन और तेहरान के बीच की खाई और गहरी हो गई है? जवाब है- हां, और अबकी बार मामला सिर्फ बमबारी तक सीमित नहीं रहेगा.

    1. जब अमेरिका ने बात करने से मना कर दी

    ईरान के विदेश मंत्री ने यूरोपीय नेताओं के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खास दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात की कोशिश की. मकसद था, यूरेनियम संवर्धन को लेकर बातचीत शुरू करना.

    लेकिन अमेरिका ने दो टूक कह दिया, “जब तक ईरान संवर्धन रोकने का वादा नहीं करता, कोई बातचीत नहीं होगी. और अब सिर्फ यूरेनियम नहीं, मिसाइल निर्माण भी टेबल पर होगा.” यह साफ इशारा है कि अमेरिका अब केवल परमाणु हथियार ही नहीं, बल्कि ईरान की सैन्य क्षमता को भी सीमित करना चाहता है.

    2. KC-135 विमानों की तैनाती: जंग की उल्टी गिनती?

    अमेरिका ने अपने KC-135 Stratotanker विमानों को मध्य पूर्व में भेज दिया है. ये वही एरियल रीफ्यूलिंग टैंकर हैं जो किसी बड़े हमले से पहले रणनीतिक रूप से तैनात किए जाते हैं. इससे पहले जून 2025 में B-2 बॉम्बर अटैक से पहले भी यही मूवमेंट देखी गई थी. ये युद्ध से पहले की सबसे पक्की और खामोश चेतावनी होती है.

    3. “हमें पता है यूरेनियम कहां छिपा है”

    इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान खलबली मचाने वाला था. उन्होंने कुछ दिनों पहले कहा था, “ईरान ने यूरेनियम कहां छिपाया है, हमें अब इसका पता चल गया है.” यह इशारा है कि इजराइल अब सिर्फ खुफिया जानकारी तक सीमित नहीं रहना चाहता, वो सीधे कार्रवाई की तैयारी में है. माना जा रहा है कि ईरान के पास 400 किलोग्राम से अधिक संवर्धित यूरेनियम है, जो 10 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त है.

    4. राजधानी हटाने की योजना, क्या तेहरान अब सुरक्षित नहीं?

    ईरान के राष्ट्रपति ने खुद सुप्रीम लीडर अली खामेनेई को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें राजधानी को तेहरान से हटाने की बात कही गई है. वजह भले "जल संकट" बताई गई हो, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञ इसे एक रक्षा रणनीति मान रहे हैं. कहा जा रहा है कि अमेरिका और इजराइल के संभावित हमले को देखते हुए, सरकार की सीट को किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की तैयारी है.

    5. शाह समर्थक फिर एक्टिव, तख्तापलट की तैयारी?

    ईरान की सियासत में एक और हलचल है, मोहम्मद रेजा शाह पहेलवी के समर्थक फिर एकजुट हो रहे हैं. ये वही शख्सियत हैं जिनकी सत्ता को 1979 की इस्लामिक क्रांति ने उखाड़ फेंका था.

    अब खबरें हैं कि पहेलवी खामेनेई को हटाने के लिए पश्चिमी देशों से संपर्क में हैं. इजराइल और अमेरिका, दोनों की कोशिश उन्हें सत्ता में लाने की है. यानि, मामला सिर्फ बमबारी या परमाणु कार्यक्रम तक सीमित नहीं, ईरान में शासन परिवर्तन की प्लानिंग भी चल रही है.

    क्या आने वाला है "मिडल ईस्ट शेकडाउन"?

    इन 5 संकेतों को एकसाथ देखें, तो यह साफ हो जाता है कि अमेरिका और इजराइल अब कूटनीति से आगे निकलकर सीधी कार्रवाई के रास्ते पर हैं. तेहरान से लेकर वाशिंगटन और यरुशलम तक, हर राजधानी में तनाव की आंच बढ़ती जा रही है. और सवाल यही है कि क्या 2025 के अंत तक हम एक और बड़े युद्ध के साक्षी बनने वाले हैं?

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