सभी 9 देशों ने 2024 में बढ़ाए परमाणु हथियार, क्यों हो रहा भारत की इस मिसाइल का जिक्र? देखें रिपोर्ट

    स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में अमेरिका, रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, ब्रिटेन, फ्रांस, इजरायल और उत्तर कोरिया जैसे सभी नौ परमाणु शक्ति संपन्न देशों ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे में इजाफा किया है.

    All 9 countries increased nuclear weapons in 2024
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: जहां दुनिया शांति की उम्मीदें पाले बैठी है, वहीं परमाणु हथियारों की वैश्विक दौड़ एक बार फिर तेज होती दिख रही है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में अमेरिका, रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, ब्रिटेन, फ्रांस, इजरायल और उत्तर कोरिया जैसे सभी नौ परमाणु शक्ति संपन्न देशों ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे में इजाफा किया है.

    परमाणु ताकत में भारत की चुपचाप बढ़त

    SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने न केवल अपने परमाणु हथियारों की संख्या में इजाफा किया, बल्कि नई और अधिक उन्नत परमाणु मिसाइल प्रणालियों का भी विकास किया है.

    • सबसे खास बात यह है कि भारत की 'कैनिस्टराइज्ड' मिसाइलें अब वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञों की नजर में हैं.
    • इन मिसाइलों में परमाणु वॉरहेड पहले से जुड़ा होता है.
    • यह किसी भी समय तेजी से लॉन्च किए जाने में सक्षम होती हैं.

    SIPRI का अनुमान है कि भारत भविष्य में इन मिसाइलों में मल्टीपल वॉरहेड (MIRV) लगाने की दिशा में भी बढ़ सकता है, जिससे एक मिसाइल से कई लक्ष्यों को एक साथ निशाना बनाया जा सकेगा.

    पाकिस्तान का परमाणु हथियारों पर फोकस

    • पाकिस्तान भी परमाणु हथियारों के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है.
    • रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान नए डिलीवरी सिस्टम विकसित कर रहा है.
    • साथ ही परमाणु हथियारों में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों का भंडारण भी तेजी से कर रहा है.

    SIPRI का कहना है कि आने वाले दशक में पाकिस्तान अपने परमाणु जखीरे को और विस्तार देगा. इससे दक्षिण एशिया में रणनीतिक असंतुलन और गहराने का खतरा बढ़ता जा रहा है.

    दुनिया भर में बढ़ता परमाणु खतरा

    SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की शुरुआत तक दुनिया में कुल 12,241 परमाणु हथियार मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 9,614 हथियार तैनाती के लिए तैयार सैन्य स्टॉक में हैं.

    SIPRI ने चेताया कि "इन हथियारों की संख्या भले ही पहले के मुकाबले कम हो रही हो, लेकिन इनकी क्षमता, तकनीक और तैनाती का तरीका पहले से कहीं अधिक खतरनाक और आक्रामक हो चुका है."

    भारत-पाक संघर्ष में परमाणु संकट का खतरा

    रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य झड़पों का भी विश्लेषण किया गया है. SIPRI के सीनियर रिसर्चर मैट कोर्डा का कहना है कि

    • "दोनों देशों के बीच गलत सूचना, सीमित हमलों और तेज प्रतिक्रिया की रणनीति ने पारंपरिक संघर्ष को परमाणु युद्ध में बदलने का बड़ा जोखिम खड़ा कर दिया है."
    • यह चेतावनी खासतौर पर उन देशों के लिए है जो अपने सैन्य सिद्धांत में परमाणु हथियारों की भूमिका को बढ़ा रहे हैं.

    अमेरिका-रूस: अब भी सबसे बड़े खिलाड़ी

    हालांकि अमेरिका और रूस अब भी दुनिया के सबसे बड़े परमाणु ताकतवर देश बने हुए हैं. शीत युद्ध के बाद से दोनों देशों ने पुराने हथियारों को नष्ट करने की गति बनाए रखी है, लेकिन साथ ही नई तकनीकों से लैस हथियारों का विकास भी तेजी से जारी है.

    SIPRI का कहना है कि अब दुनिया जिस दौर में प्रवेश कर रही है, उसमें परमाणु हथियारों की गुणवत्ता, तैनाती की गति और संभावित उपयोग की रणनीति अधिक खतरनाक हो चुकी है.

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