दक्षिण भारत एक बार फिर से दुनिया के मंच पर चमक रहा है. इस बार यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित कान्स फिल्म फेस्टिवल पर हुआ है. ग्लैमर से भरे ऐसे आयोजनों में आमतौर पर सोच-समझ कर किया गया फैशन कम ही देखने को मिलता है, लेकिन फिल्म निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने न सिर्फ भारतीयता को दर्शाया, बल्कि अपने सीने पर भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) पहन कर गर्व के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया. यह प्रतीक शक्ति, साहस, आत्मविश्वास और गर्व का प्रतीक है.
अभिषेक इस फेस्टिवल में अपनी कुछ सबसे महत्वाकांक्षी फिल्मों जैसे – ‘द दिल्ली फाइल्स’, ‘द इंडिया हाउस’ और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन पर आधारित बायोपिक को प्रमोट करने पहुंचे हैं.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि "ये सब इरादों की बात है. हमारा इरादा अपनी सिनेमा शैली को आगे बढ़ाने का है – जो पूरी तरह से कमर्शियल है लेकिन साथ ही ज्ञानवर्धक और सूचनात्मक भी है, बिना किसी उपदेशात्मकता के. इससे बड़ा कोई मंच नहीं हो सकता, और मैं FICCI का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हम जैसे फिल्म निर्माताओं को देश का प्रतिनिधित्व करने का यह अवसर दिया.”
अभिषेक अग्रवाल, संस्थापक और एमडी – अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स, एक सच्चे देशभक्त हैं जिनके दिल में एक क्रांतिकारी भावना है. वे नए युग के भारतीय सिनेमा के सबसे आगे खड़े फिल्मकारों में से एक हैं. उनकी कंपनी उन कहानियों को सामने लाने में विश्वास रखती है जो अब तक अनकही, छुपी हुई या इतिहास में कहीं दबकर रह गई थीं – भले ही उनसे जुड़ा आर्थिक या सामाजिक-राजनीतिक जोखिम कितना भी बड़ा क्यों न हो.
‘द कश्मीर फाइल्स’ से लेकर अब ‘द दिल्ली फाइल्स’, ‘द इंडिया हाउस’ और ‘कलाम’ जैसी फिल्मों के निर्माण तक – भारत की असली और उद्देश्यपूर्ण कहानियाँ कहने का उनका सफर अब शुरू हुआ है.