पहली बार दिखा टाइटैनिक जहाज का पूरा मलबा, तैयार हुआ 3D डिजिटल स्कैन, देखें तस्वीरें

    इस हाई-रेज़ोल्यूशन स्कैन से खुलासा हुआ है कि जहाज की बाहरी दीवार पर बर्फ से टकराने के कारण A4 पेपर जितने आकार के छोटे-छोटे छेद हुए थे. हालांकि ये छेद बहुत छोटे थे, लेकिन ये छह वाटरटाइट कंपार्टमेंट्स में फैल गए, जबकि जहाज को केवल चार कंपार्टमेंट्स तक पानी रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया था.

    3d scan of titanic sheds new light on doomed liners final moments
    Image Source: Social Media

    Titanic 3d scan: टाइटैनिक एक ऐसा नाम जो सुनते ही दिल दहल उठता है. 1912 में हुए इस समुद्री हादसे को भले ही एक सदी से ज्यादा वक्त बीत चुका हो, लेकिन इसकी यादें आज भी लोगों के ज़हन में जिंदा हैं. अब पहली बार, इस ऐतिहासिक दुर्घटना की सबसे सटीक तस्वीर सामने आई है—एक पूरी तरह से तैयार किया गया 3D स्कैन, जिसने न सिर्फ जहाज के डूबने की असली वजह को उजागर किया है, बल्कि उस रात की मानव त्रासदी को भी और गहराई से दिखाया है.

    इस अत्याधुनिक डिजिटल मॉडल को ब्रिटेन की डीप-सी मैपिंग कंपनी मैगेलन और अटलांटिक प्रोडक्शन्स ने मिलकर तैयार किया है. 2022 में 6 हफ्तों तक चले इस मिशन में अंडरवॉटर रोबोट्स ने 3,800 मीटर गहराई में स्थित मलबे की 7 लाख से ज्यादा तस्वीरें लीं. इन्हीं से टाइटैनिक का एक एकदम सटीक 3D "डिजिटल ट्विन" बनाया गया, जो अब डॉक्यूमेंट्री “Titanic: The Digital Resurrection” के ज़रिए Disney और Hulu पर देखा जा सकता है.

    छोटे छेद, बड़ी त्रासदी

    इस हाई-रेज़ोल्यूशन स्कैन से खुलासा हुआ है कि जहाज की बाहरी दीवार पर बर्फ से टकराने के कारण A4 पेपर जितने आकार के छोटे-छोटे छेद हुए थे. हालांकि ये छेद बहुत छोटे थे, लेकिन ये छह वाटरटाइट कंपार्टमेंट्स में फैल गए, जबकि जहाज को केवल चार कंपार्टमेंट्स तक पानी रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया था. यही कारण बना कि धीरे-धीरे पानी अंदर भरता गया और टाइटैनिक समुद्र में समा गया.

    इंसानी जज़्बात भी बयां करता है ये स्कैन

    इस स्कैन की सबसे भावुक करने वाली बात यह है कि मलबे के आसपास यात्रियों की व्यक्तिगत वस्तुएं—जैसे जूते, घड़ियाँ, और अन्य सामान—अब भी वहीं मौजूद हैं. ये चीज़ें हमें याद दिलाती हैं कि यह सिर्फ एक तकनीकी हादसा नहीं था, बल्कि 1,500 से अधिक जिंदगियों की असमय समाप्ति की दुखद कहानी थी.

    इंजीनियरों की अद्भुत बहादुरी

    स्कैन में एक ऐसा हिस्सा भी सामने आया जिसमें एक खुला स्टीम वॉल्व और काम करता बॉयलर दिखा. इसका सीधा मतलब है कि जहाज के इंजीनियरों ने अंत तक बिजली और लाइट्स चालू रखने की कोशिश की ताकि यात्री अंधेरे में ना रहें और डिस्ट्रेस सिग्नल्स भेजे जा सकें. उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना कर्तव्य निभाया—वो भी आखिरी सांस तक.

    मर्डोक की छवि को मिला न्याय

    1997 की टाइटैनिक फिल्म में फर्स्ट ऑफिसर विलियम मर्डोक को एक विवादास्पद रूप में दिखाया गया था, लेकिन अब 3D स्कैन से पता चला है कि मर्डोक अंतिम क्षणों तक लाइफबोट्स को लॉन्च करने की प्रक्रिया में जुटे थे. ऐसा माना जा रहा है कि वे इसी कोशिश में समुद्र में बह गए. ये स्कैन उनके नायकत्व की पुष्टि करता है और इतिहास में उनकी सही जगह तय करता है.

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