Nepal Protest: नेपाल में हिंदू राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग पर लोग अड़े हुए हैं. यहां तक की आम जनता ने सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन किया. इसी कड़ी में काठमांडू मं चारो ओर हिंसा की आग भड़क उठी है. इस बीच जानकारी सामने आई कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया. यह उनपर किया गया जिन्होंने एक आवास को आग के हवाले कर डाला. यहां तक की हुड़दंग मचाते हुए बैरिगेडिंग तक तोड़ने की कोशिश की थी.
बढ़ती हुई इस हिंसा को देखते हुए काठमांडू के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि यह एक देश का आंतरिक मसला है, मैं टिप्पणी नहीं करूंगा.
हमें राजतंत्र चाहिए के लगे नारे
जानकारी मिली कि भीड़ इतनी बेकाबू हो चुकी थी कि नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हवा में फायर करने की आवश्यकता पड़ी. कई प्रदर्शनकारियों ने इस बीच नारेबाजी की और कहा 'राजा आओ देश बचाओ', भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद, हमें राजतंत्र वापस चाहिए. इस तरह की नारेबाजी हुईं. दरअसल प्रदर्शन करने वाले लोग सरकार से राजतंत्र को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज और पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह की तस्वीरें लेकर टिंकुने इलाके में एक घर में आग लगा दी और पुलिस के साथ बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश करते हुए पत्थरबाजी की.
#WATCH | Nepal: A clash broke out between pro-monarchists and Police in Kathmandu near the airport. Several rounds of tear gas and rubber bullets fired by the Police. Vehicles and a house torched. Curfew ordered in Tinkune, Sinamangal and Koteshwor area.
— ANI (@ANI) March 28, 2025
Visuals from Kathmandu… pic.twitter.com/Be0Emk8EjO
इन सब के बीच एक शख्स का कहना है कि सुरक्षा बल और प्रदर्शनकारियों की झड़प के बीच एक व्यक्ति घायल हुआ था. अब तक काठमांडू में सैंकड़ों पुलिस बल को तैनात किया गया है. ताकी इन प्रदर्शनकारियों पर रोक लगाई जा सके. राजतंत्र समर्थक और विरोधी समर्थकों के बीच टकराव को रोका जा सके, क्योंकि दोनों पक्षों ने अलग-अलग प्रदर्शन किए. बताया गया कि पुलिस कार्रवाई में अब तक कई युवाओं को हिरासत में लिया जा चुका है. ये वही युवा हैं जिन्होंने बैन होने के बानजूद नियमों का उल्लंघ किया था.
नेपाल में अचानक क्यों हो रहा बवाल?
अब ऐसे में सवाल आता है कि आखिर नेपाल में अचानक बवाल क्यों शुरू होने लगा है? तो आपको बता दें कि राजतंत्र के समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और अन्यों ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया है. नेपाल की राजनीतिक पार्टियों ने 2008 में संसद की घोषणा के माध्यम से 240 साल पुराने राजतंत्र को समाप्त कर दिया और पूर्व हिंदू राज्य को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया. राजतंत्र समर्थक पूर्व राजा द्वारा लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर अपने वीडियो संदेश में समर्थन की अपील के बाद से राजतंत्र की बहाली की मांग कर रहे हैं.