नई दिल्ली: भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित 10वें रायसीना डायलॉग का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस प्रतिष्ठित वैश्विक सम्मेलन में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया और भारत की इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भूमिका को अहम बताया.
लक्सन ने कहा कि भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी निर्णायक भूमिका निभानी चाहिए, क्योंकि न्यूजीलैंड इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक हितों के लिए भारत जैसे भागीदारों की ओर देख रहा है. इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 125 से अधिक देशों के 3500 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं, जिसमें विदेश मंत्री, रक्षा विशेषज्ञ और प्रमुख नीति निर्माता शामिल हैं.
न्यूजीलैंड PM का रायसीना डायलॉग में संबोधन
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने अपने भाषण की शुरुआत "नमस्कार, सत श्री अकाल!" से की और भारत की चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की जीत पर बधाई दी.
लक्सन के भाषण की मुख्य बातें:
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लक्सन के विचारों की सराहना की और कहा कि आज के वैश्विक परिदृश्य में नई सोच और रचनात्मक दृष्टिकोण की जरूरत है.
PM मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. PM मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं और लिखा कि भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है.
तुलसी गबार्ड और राजनाथ सिंह की बैठक
अमेरिका की खुफिया एजेंसी (CIA) की पूर्व निदेशक तुलसी गबार्ड ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी और ग्लोबल सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की.
राजनाथ सिंह ने अमेरिका में सक्रिय खालिस्तानी आतंकी समूह 'सिख फॉर जस्टिस' पर चिंता व्यक्त की और इस पर सख्त कार्रवाई की अपील की.
भारत की कूटनीतिक ताकत का प्रतीक
रायसीना डायलॉग दुनिया के सबसे बड़े कूटनीतिक मंचों में से एक बन चुका है. इसे ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) और भारतीय विदेश मंत्रालय मिलकर आयोजित करते हैं. इस बार क्यूबा, स्वीडन, थाईलैंड, नार्वे, भूटान, हंगरी, मॉरीशस सहित 20 देशों के विदेश मंत्री भी हिस्सा ले रहे हैं.
थीम: "कालचक्र - पीपुल, प्लेस एंड प्लेनेट"
इस बार सम्मेलन की थीम कालचक्र रखी गई है, जो समाज, स्थान और पृथ्वी के बीच संबंधों को दर्शाती है.
रायसीना डायलॉग को सिंगापुर में आयोजित 'शांगरी-ला डायलॉग' की तर्ज पर विकसित किया गया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह भारत की बढ़ती कूटनीतिक भूमिका को दर्शाने वाला एक अहम मंच बन चुका है.
क्या होगी चर्चा?
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