न्याय और जागरूकता का प्रदर्शन करेगा महाकुंभ 2025, न्यायाधीश और वकील जनता के साथ इन मुद्दों पर करेंगे बात

आगामी महाकुंभ आध्यात्मिकता से आगे बढ़कर न्याय, पारदर्शिता और जन जागरूकता का केंद्र बनने के लिए तैयार है. इस वर्ष महाकुंभ नगर में बार काउंसिल, जज कॉलोनी और लोकायुक्त एवं सूचना आयुक्तों के लिए कॉटेज की व्यवस्था की जा रही है.

Mahakumbh 2025 will showcase justice and awareness judges and lawyers will talk to the public on these issues
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ/Photo- ANI

महाकुंभ नगर (उत्तर प्रदेश): आगामी महाकुंभ आध्यात्मिकता से आगे बढ़कर न्याय, पारदर्शिता और जन जागरूकता का केंद्र बनने के लिए तैयार है. इस वर्ष महाकुंभ नगर में बार काउंसिल, जज कॉलोनी और लोकायुक्त एवं सूचना आयुक्तों के लिए कॉटेज की व्यवस्था की जा रही है.

न्यायाधीश, लोकायुक्त, सूचना आयुक्त और वकील 45 दिनों तक जनता के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहेंगे, न्याय और सूचना के अधिकार (आरटीआई) के बारे में जागरूकता फैलाएंगे.

महाकुंभ नगर के सेक्टर-23 का निरीक्षण किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ नगर के सेक्टर-23 का निरीक्षण किया है, जहां किला घाट और सेक्टर-23 के पास 150 से ज्यादा कॉटेज बनाए जा रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए सभी व्यवस्थाएं तुरंत पूरी की जाएं.

महाकुंभ का उद्देश्य आगंतुकों को उनके कानूनी अधिकारों और न्याय के लिए डिजिटल उपकरणों के बारे में शिक्षित करना है, जिससे इस आयोजन को जागरूकता के महाकुंभ में बदल दिया जा सके. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मेले को न्याय और भ्रष्टाचार विरोधी उपायों के बारे में आध्यात्मिक ज्ञान और व्यावहारिक ज्ञान दोनों प्रदान करना चाहिए.

मुफ्त कानूनी सहायता केंद्र जागरूकता बढ़ाएगा

सेक्टर-4 में खोया-पाया केंद्र के पास हाई कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा स्थापित एक मुफ्त कानूनी सहायता केंद्र, भक्तों के बीच कानूनी सहायता प्रदान करेगा और जागरूकता बढ़ाएगा.

उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त वीरेंद्र सिंह वत्स ने कहा कि आरटीआई शिविर जनता को सूचना के अधिकार का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के बारे में शिक्षित करेंगे. इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना और भ्रष्टाचार से निपटने के प्रयासों को मजबूत करना है.

यह महाकुंभ सिर्फ आस्था का समागम नहीं है

यह महाकुंभ सिर्फ आस्था का समागम नहीं है, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण के संदेश के साथ आध्यात्मिकता का मिश्रण करते हुए न्याय और जागरूकता का मंच भी है.

महाकुंभ के दौरान, श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने के लिए गंगा, यमुना और सरस्वती (अब विलुप्त) के संगम, संगम पर एकत्र होंगे. महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा.

कुंभ का मुख्य स्नान अनुष्ठान (शाही स्नान) 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होगा.

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