ब्रिटेन में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के रास्ते को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध करने की घटना को भारतीय सरकार ने गंभीरता से लिया है. इस घटना के बाद, भारतीय जांच एजेंसियां इन प्रदर्शनकारियों की पहचान और उनके भारत में संभावित कनेक्शनों की जांच कर रही हैं. वीडियो फुटेज के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है, और एजेंसियों का ध्यान उन प्रदर्शनकारियों की पहचान करने पर केंद्रित है, जो कुछ महीने पहले लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने हुए हिंसक प्रदर्शन में भी शामिल थे.
संपत्तियों पर होगी कानूनी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, अगर इन खालिस्तानी समर्थकों की संलिप्तता साबित होती है, तो उनकी संपत्तियों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA) पहले से ही ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के सामने हुए हिंसक प्रदर्शनों की जांच कर रही है और ब्रिटिश जांच एजेंसियों के साथ संपर्क बनाए रखे हुए हैं.
क्या है मामला?
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर अपनी छह दिवसीय लंदन यात्रा पर थे, जब गुरुवार को सुरक्षा में चूक हुई. यह घटना लंदन के चैथम हाउस के बाहर उस समय हुई जब डॉ. जयशंकर एक सार्वजनिक कार्यक्रम के बाद बाहर निकल रहे थे. इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने सुरक्षा में घुसने की कोशिश की. ब्रिटेन की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इस घटना को ब्रिटिश संसद में उठाया और इसे "खालिस्तानी गुंडों का हमला" बताया.
ब्लैकमैन ने गृहमंत्री यवेट कूपर से सवाल किया कि भविष्य में ऐसे हमलों से बचने के लिए ब्रिटेन की सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कैसे किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना लोकतंत्र के लिए अपमानजनक है और ब्रिटेन को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. इस घटना के बाद, ब्रिटेन पर कूटनीतिक दबाव बढ़ गया है, और भारत ने अपनी सुरक्षा और कूटनीतिक मामलों को लेकर ब्रिटिश अधिकारियों से स्पष्ट जवाबदेही की मांग की है.
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