'पीएचसी में 102, सब सेंटर्स में 380 तरह की दवाएं फ्री में उपलब्ध', भारत 24 के कार्यक्रम में बोले जेपी नड्डा

    केंद्रीय स्वास्थ्य कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा गुरुवार को भारत 24 के कार्यक्रम 'स्वास्थ्य भारत सम्मान' में अपनी सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र उपलब्धियां गिनाई.

    'पीएचसी में 102, सब सेंटर्स में 380 तरह की दवाएं फ्री में उपलब्ध', भारत 24 के कार्यक्रम में बोले जेपी नड्डा
    भारत 24 के 'स्वास्थ्य भारत सम्मान' कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा | Photo- Bharat 24

    नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा गुरुवार को भारत 24 के कार्यक्रम 'स्वास्थ्य भारत सम्मान' में अपनी सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र की कामयाबियों को गिनाया. इस दौरान भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ जगदीश चंद्र, एम्स दिल्ली पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, डॉ शिवकुमार सरीन समेत लोग मौजूद रहे.

    केंद्रीय स्वास्थ मंत्री जेपी नड्डा ने इस दौरान डॉ जगदीश चंद्र को इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उनका आभार जताया, साथ ही उनके साथ किए काम को याद किया. 

    उन्होंने अपनी पार्टी की तारीफ करते हुए कहा कि हमारी पार्टी का उद्देश्य मानवता की सेवा करना है और भारत को आगे ले जाना है. इसलिए हम साधारण से साधारण व्यक्ति को सशक्त बनाने में लगे रहते हैं. 140 करोड़ आबादी वाले देश को हम बोझ समझने के बजाय मानते हैं कि कि यह हमारी ताकत है, संसाधन है. अगर यह संसाधन है तो उसका गुणवत्तापूर्ण जीवन और उसका गणवत्तापूर्ण योगदान कैसे बढ़े, इस पर ध्यान देने की बात करते हैं. यह भारतीय जनता पार्टी का हमेशा से उद्देश्य रहा है. 

    अगर हम स्वस्थ रहेंगे तभी स्वस्थ योगदान दे सकेंगे : जेपी नड्डा

    जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य लोगों का स्वस्थ शरीर, स्वस्थ दिमाग और स्वस्थ मन रहे, इसके लिए काम करना है. अगर देश के सभी स्वस्थ होंगे तभी स्वस्थ योगदान दे पाएंगे.

    उन्होंने कहा, हमारा देश युवाओं का देश है. सबसे बड़ी आबादी उसी की है. अगर वह स्वस्थ है, सकारात्मक योगदान देने वाला हो तो देश की तरक्की को कोई रोक ही नहीं सकता. 

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    अपने मंत्रालय की चुनौतियों को जेपी नड्डा ने रखा सामने

    नड्डा ने कहा मुझे जो मंत्रालय मिला है उसके कदम का असर तत्काल नहीं होता है, लेकिन उसके फैसले तत्काल लेने होते हैं. इसका प्रभाव लंबे समय में दिखता है. 

    जैसे कि हमारे एक बच्चे को टीका लगे हम इस पर ध्यान देते हैं, लेकिन जब वह 14 साल का होता है तब जाकर पता चलता है कि वह टीका सही था या नहीं. इसके बाद हमारे सर्वे बता पाते हैं कि हम कितना स्वस्थ हो पाए हैं. 

    बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने कहा, "मां, बच्चे के लिए सबसे अहम होती है. बच्चे की ब्रेस्ट फीडिंग 24 घंटे में हो जानी चाहिए और अगले 6 महीने तक वैसी ही होनी चाहिए. हर साल हमारे यहां 2 करोड़ बच्चे पैदा होते हैं. उनका स्वास्थ्य सुनिश्चित करना कोई छोटी-मोटी बात नहीं है."

    नड्डा ने कहा- पीएम मोदी की कोशिश से हेल्थ पॉलिसी आई है

    नड्डा ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य की नीतियों को बदलने की कोशिश की है. 3 दशक के बाद भारत की हेल्थ पॉलिसी आई."

    उन्होंने कहा कि पहले की सरकार कहती है कि हमने हॉस्पिटल खोल दिया. यानि कि पहले बीमार करो, फिर उसका इलाज करो. और फिर बताते रहो कि हमने इतना इलाज कर दिया. 

    "हमारी जो 2017 की स्वास्थ्य नीति आई, डॉक्टर गुलेरिया समेत लोगों का उसमें बड़ा योगदान था. दिन-रात वर्कशॉप के जरिए एक होलिस्टिक हेल्थ अप्रोच बना पाए. स्वास्थ्य की बेहतरी के हर पहलू को ध्यान में रखा गया, फिर पॉलिसी लाकर हमने काम शुरू किया."

    जितनी बड़ी इमारत होती है उसका उतना बड़ा आधार होता है : नड्डा

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "जितनी बड़ी इमारत होती है उतना ही ठोस उसका बेस होता है. हमारी कोशिश थी कि जितना बड़ा पिरामिड बनाना है उसका उतना बड़ा ही बेस होना चाहिए और ठोस होना चाहिए. इसलिए हमने सबसे पहले प्राइमरी हेल्थ को मजबूत करने पर ध्यान दिया. हर तरह के चेक-अप की यहां सुविधा उपलब्ध कराई गई है. संभावित बीमारियों को रोकने के लिए वेलनेस सेंटर खोले है. ट्रेनिंग दी गई."

    उन्होंने कहा कि जब मोदी जी दूसरी बार सरकार में आए तो इस काम को आगे बढ़ाकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर बना दिया. इस मंदिर में हमने हर एक सुविधा देने का प्रयास किया है. हम नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सिस्टम पर काम कर रहे हैं. आज 1 लाख 63 हजार आयुष आरोग्य मंदिर में ये काम चल रहा है. इसे हम तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं. हम इसे टेली-मेडिसिन और टेली कंसल्टेशन से भी जोड़ रहे हैं. इसमें 14 तरह की जांच की सुविधा है.

    इसी तरह पीएचसी में 63 तरह की जांच और सीएचसी में 97 तरह की जांच की सुविधा है. ये फ्री में उपलब्ध कराई जा रही हैं. 

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    आयुष्मान आरोग्य मंदिर में 106 तरह की दवाएं उपलब्ध : स्वास्थ्य मंत्री

    नड्डा ने कहा आयुष्मान आरोग्य मंदिर में 106 तरह की जरूरी दवाएं उपलब्ध हैं. पीएचसी में 102 तरह की और सब सेंटर्स में 380 तरह की दवाएं और जिला अस्पताल में 381 तरह की दवाएं उपलब्ध हैं. और यह शब्दों में नहीं है, बल्कि इन दवाओं का होना अनिवार्य है. 

    उन्होंने कहा कि इस देश में हर साल 2 करोड़ बच्चे पैदा होते हैं यानि इतनी प्रेगनेंट महिलाएं भी होती हैं. जिस दिन महिला प्रेगनेंट होती है उसी दिन से लेकर तीन तरह के चेकअप के तहत ऑन रिकॉर्ड मदर-चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम (एनसीटीएस) दिल्ली में 5 करोड़ लोगों को अलग-अलग भाषाओं में ट्रैक करते हैं. सभी आशा वर्कर्स की भी ट्रैकिंग में रहती हैं. 

    अगर हम डिलीवरी की बात करें तो 88.63 प्रतिशत इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी हो रही हैं. घर से मां को लाकर उसकी डिलीवरी कराना और फिर वापस भेजना और कोई दिक्कत हो जाए तो उसे फिर से इंस्टीट्यूट में लाना और फिर से ठीक कर घर भेजने का काम कर रहे हैं.

    इसलिए आज सुरक्षित मां और सुरक्षित बच्चा हो इसका पूरा प्रयास कर रहे हैं. 

    प्रति व्यक्ति मृत्यु का आंकड़ा घटा : जेपी नड्डा

    नड्डा ने कहा कि इसी तरह 93.23 प्रतिशत बच्चों को टीका लग रहा है. ये नेशनल हेल्थ फेमिली सर्वे के रिकॉर्ड में है. 27 डोजेज लगते हैं, जब तक कि वह 12 साल का नहीं हो जाता. तब तक हम उसको ट्रैक करते हैं. तब हम कहते हैं ये हेल्दी चाइल्ड है. ये कोई छोटा काम नहीं है. कहां गढ़चिरौली, कहां लद्दाख, कहां लेह, कहां बस्तर इन सब जगहों पर पहुंचकर हमारे लोग टीका लगाने का काम कर रहे हैं.

    प्रति व्यक्ति मृत्यु का आंकड़ा जो 1000 में 37 था आज वह घटकर 28 हो गया है. अगर मां की मृत्यु दर की बात करें तो 2014 में 130 थी, प्रति लाख बच्चे के जन्म पर. हमें इसे घटाकर 90 तक लाए हैं और इसे आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. 5 साल कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर भी घटी है. 

    'आज हमारा फर्टिलिटी रेट जो 2.3 था वह अब 2.0 प्रतिशत है' 

    जेपी नड्डा ने कहा, "क्या कभी आपने सोचा था आपका जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज बन पाएगा? आज ये मेडिकल कॉलेज में बदल रहे हैं. हमारे यहां 387 मेडिकल कॉलेज थे और आज 731 हो गए हैं. आज हमने देश में 75 मेडिकल कॉलेजेज को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बदले हैं. मेडिकल सीट में 118 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. पहले 51 हजार सीट थीं आज अंडर ग्रेजुएट की सीटें 1 लाख 12,112 हो गई हैं.

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री ने हमें लक्ष्य दिया है कि 75 हजार मेडिकल सीट बढ़ाने का.

    उन्होंने कहा कि भारतीय डॉक्टर दुनिया के सबसे अच्छे डॉक्टर हैं, उनकी दुनिया को भी जरूरत है क्योंकि हमारी मेडिकल एजुकेशन की क्वालिटी अच्छी है. क्वांटिटी भी हम मेनटेन कर रहे हैं.

    पीजी की सीट 31 हजार थी आज 72 हजार हो गई है, जो कि 133 प्रतिशत का इजाफा है. 

    नड्डा ने देशभर में एम्स खोलने की बात कही

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा पहले एम्स एक था, दिल्ली का. अटल की सरकार में 6 हुए. बाद में यूपीए की सरकार आई तो केवल उन्हें रायबरेली दिखा. आज मोदी सरकार में 22 एम्स खुले हैं. कहीं भी हमने एम्स के स्टैंडर्ड को कम नही होने दिया है. हम इंटरव्यू लेकर भरते नहीं हैं, जब तक कि कोई फिट नहीं मिलता है. 

    आज कल मरीज एम्स दिल्ली आने के बजाय ऑपरेशनल हो चुके रीजनल एम्स में जा रहे हैं. 

    उन्होंने कहा कि जब हम आत्मनिर्भर भारत और स्वाभिमानी भारत की बात करते हैं तो बता दें कि जैपनीज इंसेप्लाइटिस की दवा 1906 में जापान में बन गई और वह भारत में 2006 में आई. इससे हमारे बच्चे 2015-16 में बचना शुरू हुए. अब इसकी कोई शिकायत सुनने को नहीं मिलती है. 

    जेपी नड्डा ने बताई आत्मनिर्भर, स्वाभिमानी भारत की बात 

    जेपी नड्डा ने कहा, "आज हम पोलियो फ्री हो गए हैं. लेकिन पोलियो की वैक्सीन 1950 में दुनिया में आया, हमारे यहां 2015 में आया. इसी तरह हेपेटाइटिस बी पर वैक्सीन 1982 में आई जबकि भारत में ये 2022 में आई है."

    "इसी तरह मोदी जी की कोशिश से कोविड की दो वैक्सीन 9 महीने में आ गई थीं. इसे स्वाभिमानी और आत्मनिर्भर भारत कहते हैं. उस दौरान हमने दुनिया की तरफ नहीं देखा कि वह हमें वैक्सीन देगी. हम 100 देशों को कोविड की वैक्सीन सप्लाई कर रहे हैं और 48 देशों को फ्री में पहुंचाई है."

    उन्होंने कहा कि अमेरिका में कोरोना का टीका 67-68 प्रतिशत लोगों को ही लगा है, जबकि भारत मे 90 प्रतिशत से ऊपर लोगों को लगा हैं. 18 महीने में 220 करोड़ का डबल डोज भी हमाने लगाया. 

    नड्डा ने कहा, "लॉकडाउन लगने के खिलाफ दुनिया में स्ट्राइक हुई. जबकि भारत में कोरोना की लड़ाई सिर्फ सरकार ने नहीं, बल्कि देश ने मिलकर लड़ा. अगर मोदी जी ने कहा जनता कर्फ्यू, तो जनता ने कहा जनता कर्फ्यू. अगर मोदी जी ने कहा कि थाली बजाओ तो लोगों ने थाली बजाई. मोदी जी ने कहा कि दीया जलाओ तो लोगों दीचया जलाया. ये सिर्फ दीप नहीं था ये 140 करोड़ के लोगों की कोविड से लड़ने की प्रतिबद्धता थी."

    स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कवरेज भारत में

    आज भारत में 55 करोड़ लोग यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज में आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर हो रहे हैं. इसमें हाशिए को लोग ज्यादा हैं. जिन्हें 5 लाख रुपये की मदद हर साल मिली है. यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कवरेज प्रोग्राम है. अभी तक 34 करोड़ लोगों का आयुष्मान कार्ड बन गया है. 6.68 करोड़ लोगों का इलाज हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा गरीबों को फायदा हुआ है. अभी तक हम 36 करोड़ लोगों को आभा कार्ड बांट चुके हैं. इसके तहत देश की सभी स्वास्थ्य सुविधाएं ली जा सकती हैं. इसमें लोगों उनका निजी स्वास्थ्य रिकॉर्ड भी होता है. इसकी पूरी प्राइवेसी सुनिश्चित की गई है.

    "हम जब स्वास्थ्य मंत्री बने थो तो हेल्थ बजट 23 हजार करोड़ रुपये का था आज 90 करोड़ रुपये है. हमें इसे जीडीपी का 2.5 प्रतिशत तक ले जाएंगे."

    आज हम ब्रेन ड्रेन (पढ़े-लिखे लोगों का बाहर देश में जाना) को नहीं रोकते, बल्कि कहते हैं जाओ. हम देश में भी संभालेंगे और दुनिया की सेहत भी संभालेंगे.

    वहीं इससे पहले भारत 24 के सीईओ और एडटिर इन चीफ डॉ जगदीश चंद्र ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का स्वागत किया और उन्हें गुदड़ी का लाल बताया.

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