नई दिल्ली : रवि किशन भोजपुरी को लेकर लोगों की धारणा से तंग आ चुके हैं. उन्होंने हाल ही में भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए लोकसभा में एक निजी विधेयक पेश किया.
मेरी मातृभाषा भारत में 25 करोड़ लोगों द्वारा बोली या समझी जाती है- रवि किशन
रवि किशन ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए लोकसभा में एक निजी विधेयक पेश किया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाषा की पहचान सिर्फ़ उन गानों तक सीमित नहीं है जो हमने इतने सालों में सुने हैं, "मेरी मातृभाषा भारत में 25 करोड़ लोगों द्वारा बोली या समझी जाती है. यह मॉरीशस में दूसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है. लोगों की यह धारणा है कि सिर्फ़ कमरिया और लॉलीपॉप लागेलु जैसे गाने ही भोजपुरी हैं. इसका अपना साहित्य है. हमारे भारत के दिवंगत राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जी का पहली भोजपुरी फ़िल्म गंगा मैया तोहरी पियरी चढ़इबो (1963) से संबंध था."
लोग अभी भी याद करते हैं- 'अच्छा रवि किशन भोजपुरी वाला'
55 वर्षीय, जो भोजपुरी फिल्म उद्योग में एक बड़े स्टार रहे हैं, कहते हैं, "कुछ पैसे वाले लोगों द्वारा उस तरह की फिल्में या गाने बनाने के कारण, हम यह नहीं कह सकते कि भोजपुरी बस यही है. वो नहीं है जो दिखाई दे रहा है, यह सिर्फ इतना ही नहीं है. भाषा में एक मिठास है, और इसे आगे लाना लोकसभा सदस्य के रूप में मेरा इरादा था. यह भाषा बहुतों को पसंद है. मुझे भोजपुरी सिनेमा की वजह से जाना जाता है. मैं अब कई भाषाओं में काम कर रहा हूं, लेकिन लोग अभी भी याद करते हैं 'अच्छा रवि किशन भोजपुरी वाला' लापता लेडीज, मामला लीगल है- ये सब अब हो चुका है, लेकिन शुरू तो भोजपुरी से हुई थी."
किशन को इस खबर के सामने आने के बाद से ही उनकी बिरादरी और फिल्म जगत से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, "हर कोई मुझे बधाई दे रहा है. लोग अब जानते हैं कि मैं सही कारणों से संसद गया था. मैं एक मिशन वाला व्यक्ति हूं."
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