नई दिल्लीः पश्चिम एशिया रणनीतिकार वैल अव्वाद ने सीरिया पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणी का खंडन किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अमेरिका का इस संघर्ष से "कोई लेना-देना नहीं है" और उसे इसमें शामिल नहीं होना चाहिए.
एएनआई से बात करते हुए अव्वाद ने कहा कि अमेरिका सीरिया, इराक और ईरान में संघर्षों सहित मध्य पूर्व में गहराई से शामिल है. उन्होंने सीरिया, लेबनान, इराक और ईरान में मौजूदा स्थिति के लिए अमेरिका की विदेशी हस्तक्षेप की नीति को जिम्मेदार ठहराया और वाशिंगटन पर पूरे क्षेत्र को नष्ट करने का भी आरोप लगाया.
'यह अमेरिका की नीति है'
ट्रंप की हालिया टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर रणनीतिकार ने कहा, "बिल्कुल गलत. अमेरिकी मध्य पूर्व में बहुत गहराई से शामिल हैं. वे सीरिया, इराक, ईरान में लड़ाई में गहराई से शामिल हैं." "देखिए, जब उन्होंने इराक पर एकतरफा, अपवादस्वरूप आक्रमण किया, तो इराक पर कब्जा करने का क्या कारण था? इराक पर आक्रमण 2003 में इसलिए हुआ क्योंकि वे इराक के तेल और संसाधनों पर नियंत्रण करना चाहते थे. यही कारण है कि उनके पास सामूहिक विनाश का हथियार है. जैसा कि वे दावा कर रहे हैं, कोई सामूहिक विनाश का हथियार नहीं था. ऐसा कहने के बाद उन्होंने ISIS भी बनाया और फिर अल-कायदा को पुनर्जीवित किया, जिसे उन्होंने अफफगानिस्तान में बनाया है, तो यह अमेरिका की नीति है. अमेरिका कैसे मना कर सकता है?"
बराक ओबामा के पुराने बयान पर टिप्पणी
मिस्र में लोकतंत्र के बारे में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणी को याद करते हुए पश्चिम एशिया रणनीतिकार ने पूरे अरब जगत को 'नष्ट' करने के लिए अमेरिका की आलोचना की. उन्होंने कहा, "जब राष्ट्रपति ओबामा मिस्र आए और उन्होंने लोकतंत्र का भाषण दिया, तो दुनिया में हर किसी ने सोचा कि अमेरिका अरब दुनिया में लोकतंत्र को गंभीरता से बढ़ावा दे रहा है. क्या यह लोकतंत्र है या मूर्खता? उन्होंने पूरे क्षेत्र को नष्ट कर दिया है. वे जानते थे कि अरब स्प्रिंग आ रहा है. वे जानते थे कि राजनीतिक इस्लाम आ रहा है. वे जानते थे कि उन्होंने एक आंदोलन बनाया है. उन्होंने उन लोगों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया जो स्वतंत्र, स्वतंत्र शासन, अच्छे शासन और भ्रष्टाचार और कुप्रथाओं से मुक्त शासन चाहते थे. तो यह हमें कहां ले गया?"
उन्होंने कहा, "देखिए लीबिया में क्या हुआ. देखिए इराक में क्या हो रहा है. देखिए सीरिया, लेबनान, फिलिस्तीन में क्या हो रहा है. तो, यह सब कुछ और नहीं बल्कि विदेशी हस्तक्षेप की निरंतर अमेरिकी नीति, बल द्वारा शासन बदलने की परिणति है. यही बात ट्रंप बाइडेन के पद छोड़ने से पहले अमेरिकियों को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि हम सीरिया में अमेरिकी सैनिकों को नहीं रखना चाहते हैं, जिन्हें वे सीरिया द्वारा अवैध रूप से सीरिया का हिस्सा देते हैं. लेकिन, अब स्थिति को जटिल बनाते हुए अल-कायदा को फिर से जीवित करना, अमेरिकी सैनिकों को सीरिया में रखने का एक बहाना होगा।"
ट्रंप ने क्या कहा था?
इससे पहले शनिवार को नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने सीरिया की स्थिति पर एक बयान जारी किया और कहा कि यह अमेरिका की लड़ाई नहीं है और अमेरिका का इससे "कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए." ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, "सीरिया में विपक्षी लड़ाकों ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए एक अत्यधिक समन्वित हमले में कई शहरों पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है और अब वे दमिश्क के बाहरी इलाके में हैं, जाहिर तौर पर राष्ट्रपति बशर अल-असद को बाहर निकालने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं."
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