EV Sector: अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने ग्लोबल स्तर पर ईवी सेक्टर में करीब 80 प्रतिशत का योगदान दिया है, जिसमें ईवी की बिक्री 2023 की पहली छमाही में 3 मिलियन से अधिक से बढ़कर 2024 में इसी अवधि के दौरान 4 मिलियन से अधिक हो गई है.
7 मिलियन से अधिक इलेक्ट्रिक कारें बेची गईं
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के पहले छह महीनों में ग्लोबल स्तर पर 7 मिलियन से अधिक इलेक्ट्रिक कारें बेची गईं, जो 2023 की इसी अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ग्लोबल कार बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की हिस्सेदारी 2024 के अंत तक लगभग 5 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है.
अन्य बाजारों में क्या रहा हाल?
चीन के बाहर ईवी की बिक्री में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, जिसमें ब्राजील, इंडोनेशिया, मैक्सिको जैसे देशों और मध्य पूर्व और कैस्पियन जैसे क्षेत्रों में वृद्धि हुई. हालांकि, विकसित बाजारों में प्रदर्शन मिलाजुला रहा. यूरोपीय संघ में ईवी की बिक्री में कोई खास बदलाव नहीं हुआ, जबकि जर्मनी में गिरावट के साथ अन्य यूरोपीय संघ के देशों में लगभग 3 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई. इस बीच, यूनाइटेड किंगडम में ईवी की बिक्री में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, और अमेरिका में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.
क्या भारत छोड़ पाएगा चीन को पीछे?
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री में वर्तमान उत्पादन से 10 गुना अधिक प्रॉडक्शन की क्षमता है. उन्होंने कहा कि दुनिया में नंबर 1 ऑटो मार्केट बनने के लिए उसे ग्लोबल ईवी बाजार पर कब्जा करने की जरूरत है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ईवी बाजार का आकार 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है.
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