TMC : घुसपैठियों के लिए दीदी के दिल में इतनी 'ममता' क्यों?

    ममता बनर्जी ने कहा है- हिंसाग्रस्त बांग्लादेश के मजबूर लोग अगर गुहार लगाएंगे तो उनकी सरकार द्वार खोलेगी, ताकि शरणार्थी बंगाल आ सकें. इसके लिए उन्होने UN के एक प्रस्ताव का भी हवाला दिया.

    हमारे शो दहाड़ का पोस्टर | Bharat 24

    नई दिल्ली : आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में ग़दर मची हुई है. हिंसा में अब तक 114 लोगों की मौत हो चुकी है. पड़ोसी देश जल रहा है. इस बीच सवाल उठ रहा है कि क्या ममता बनर्जी इस आग में सियासी रोटियां सेंकना चाहती हैं. उनका एक बयान सारे फ़साद की जड़ है जो 21 जुलाई को उन्होंने कोलकाता में दिया था.

    दीदी ने कहा था कि हिंसाग्रस्त बांग्लादेश के मजबूर लोग अगर गुहार लगाएंगे तो उनकी सरकार द्वार खोल देगी, ताकि शरणार्थी बंगाल आ सकें. ममता बनर्जी ने इसके लिए यूनाइटेड नेशंस के एक प्रस्ताव का भी हवाला दिया था. अब इस बयान पर सियासी बवाल तेज़ हो गया है.

    बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने एक डिप्लोमैटिक नोट भेजकर केंद्र सरकार से ममता बनर्जी की शिकायत की है. इसमें कहा गया है कि सीएम के इस बयान से भ्रम की स्थिति खड़ी हो गई है.

    उधर, बीजेपी ने कहा है कि दूसरे देश के शरणार्थियों को जगह देने वाली ममता बनर्जी कौन होती हैं. ये केंद्र सरकार का अधिकार है. पश्चिम बंगाल के राज्पाल ने भी ममता बनर्जी के इस बयान पर आपत्ति जताई है और उनसे रिपोर्ट मांगी गई है.

    सवाल उठता है कि अगर पड़ोसी देश के पीड़ित परिवार भारत आना चाहेंगे तो इसकी इजाज़त कौन दे सकता है. ममता सरकार या फिर मोदी सरकार  इसी बात को लेकर बीजेपी और TMC के बीच सियासी तलवारें खिंच गई है.

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