संविधान दिवस : कांग्रेस नेता नेता राहुल गांधी ने क्यों संविधान को बताया 'सत्य और अहिंसा की किताब'

    राहुल ने कहा- डॉ. अंबेडकर, ज्योतिराव फुले, भगवान बुद्ध और गांधी जी के सामाजिक सशक्तीकरण के विचार इसमें समाहित हैं मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या इसमें सावरकर जी की आवाज है?

    संविधान दिवस : कांग्रेस नेता नेता राहुल गांधी ने क्यों संविधान को बताया 'सत्य और अहिंसा की किताब'
    नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में संविधान दिवस पर बोलते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी | Photo- @INCIndia के हैंडल से.

    नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को संविधान को "सत्य और अहिंसा" की किताब बताया, जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर, समाज सुधारक ज्योतिराव फुले, भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी के सामाजिक सशक्तीकरण के विचार समाहित हैं.

    राहुल गांधी ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में संविधान दिवस कार्यक्रम में कहा, "डॉ. अंबेडकर, ज्योतिराव फुले, भगवान बुद्ध और गांधी जी के सामाजिक सशक्तीकरण के विचार इसमें समाहित हैं (संविधान का जिक्र करते हुए). मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या इसमें सावरकर जी की आवाज है? क्या इसमें कहीं लिखा है कि हिंसा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लोगों को मारा जाना चाहिए या झूठ का इस्तेमाल करके सरकार चलानी चाहिए? यह सत्य और अहिंसा की पुस्तक है."

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    राहुल ने कहा- संविधान को पढ़ने वाले लोग हिंसा नहीं करते

    उन्होंने आगे कहा कि वे इस बात की "गारंटी" दे सकते हैं कि प्रधानमंत्री जी ने संविधान नहीं पढ़ा होगा. उन्होंने कहा, "वह और भाजपा सरकार ने संविधान दिवस पर संसद में एक समारोह आयोजित किया. यह भारत का संविधान है और मैं आपको गारंटी देता हूं कि प्रधानमंत्री जी ने इसे नहीं पढ़ा है. अगर उन्होंने यह किताब पढ़ी होती, तो वे वह नहीं कर रहे होते जो वे हर दिन कर रहे हैं."

    विपक्ष के नेता ने कहा कि तेलंगाना में जाति जनगणना की जा रही है, यह एक ऐतिहासिक कदम है, उन्होंने कहा कि हम जहां भी सरकार बनाएंगे, वहां ऐसा ही करेंगे.

    जहां भी हमारी सरकार आएगी, जनगणना कराएंगे : राहुल गांधी

    उन्होंने कहा, "कुछ दिन पहले हमने तेलंगाना में जाति जनगणना का काम शुरू किया है और यह नौकरशाही का काम नहीं है. पहली बार तेलंगाना में जाति जनगणना को सार्वजनिक किया गया है. जो सवाल पूछे जा रहे हैं, वे बंद कमरे में 10-15 लोगों द्वारा नहीं चुने जा रहे हैं, वे दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के लोग, गरीब, सामान्य जाति के लोग, अल्पसंख्यक लोग, सभी को मिलाकर लाखों लोग हैं और तेलंगाना के लोगों ने जनगणना की रूपरेखा तैयार की है... भविष्य में जहां भी हमारी सरकार आएगी, हम वहां जाति जनगणना करेंगे."

    इस बीच, संविधान दिवस कार्यक्रम के दौरान तालकटोरा स्टेडियम में भाषण के दौरान बीच में ही माइक्रोफोन बंद हो जाने से राहुल गांधी को तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा.

    'दलित, पिछड़ों की बात करने वाले का माइक बंद कर दिया जाता है'

    जिसके बाद विपक्ष के नेता ने कहा कि चाहे जितनी बार भी उनका माइक्रोफोन बंद हो जाए, वे मुद्दों पर बात करना जारी रखेंगे.

    उन्होंने कहा, "इस देश में पिछले 3000 सालों से जो भी दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, गरीबों की बात करता है, उसका माइक बंद कर दिया जाता है. जब माइक बंद होता है, तो बहुत से लोग आकर मुझसे कहते हैं कि जाकर बैठ जाओ. मैंने कहा कि मैं बैठूंगा नहीं, मैं खड़ा रहूंगा, जितना चाहो माइक बंद कर दो, मैं जो बोलना चाहता हूं बोलूंगा. यहां रोहित वेमुला की फोटो है, वह बोलना चाहता था, लेकिन उसकी आवाज बंद कर दी गई."

    इससे पहले आज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संविधान सदन में 'संविधान दिवस' समारोह पर भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया.

    संविधान दिवस कार्यक्रम में मोदी, धनखड़ समेत हुए शामिल 

    संविधान दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी समेत अन्य नेता शामिल हुए.

    यह कार्यक्रम 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. संविधान औपचारिक रूप से 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था. 

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