नई दिल्लीः संसद सत्र की कार्यवाही का आज 14वां दिन है. गुरुवार को लोकसभा सत्र की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ कानून में संशोधन वाले विधेयक को पेश किया है. वहीं केंद्रीय मंत्री द्वारा पेश किए गए इस बिल के बाद सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला.
विपक्ष के हंगामे पर बोले ओम बिरला सबको मिलेगा मौका
वहीं विपक्ष के हंगामे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष से शांति कायम रखने को कहा. स्पीकर ने कहा कि आप लोग हल्ला मत कीजिए. जिन भी सदस्यों ने नोटिस दिया है. सभी को बोलने का मौका दिया जाएगा.
लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश हो गया है. वहीं, विपक्ष ने इसका विरोध किया है. #LokSabha #KirenRijiju #WaqfBill #WaqfBoard #Parliament #NewWaqfBoardBill #BreakingNews #TopNews #NewsUpdates #HindiNews #Bharat24 #Bharat24Digital pic.twitter.com/uorstC0VgG
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कांग्रेस सासंद ने जताई आपत्ति
सदन में बिल पेश होने पर कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ये संविधान से मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि यह बिल फंडामेंटल अधिकारों पर हमला करता है. इस दौरान कांग्रेस सांसद ने सवाल करते हुए कहा कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई नॉन हिंदू है, क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया है. वेणुगोपाल ने कहा कि वक्फ भी एक धार्मिक संस्था है. ये समाज को बांटने की कोशिश है.
JDU ने किया समर्थन
आपको बता दें की केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने इस बिल का समर्थन करते हुए विपक्ष पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कहा कि ये बिल मुसलमान विरोधी नहीं है. उहोंने कहा कि यह लोग ( विपक्ष) मंदिर की बात कर रहे हैं. लेकिन मंदिर की बात कहां से आ गई? केंद्रीय मंत्री बोले कि कोई भी संस्था जब निरंकुश होगी तो सरकार उस पर अंकुश लगाने के लिए, पारदर्शिता के लिए कानून बनाएगी. ये उसका अधिकार है. पारदर्शिता होनी चाहिए और ये बिल पारदर्शिता के लिए है. उन्होंने कहा कि ये अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, सिखों का कत्लेआम किसने किया था.
सोची समझी साजिश के तहत हो रहा है
सपा पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बिल को लेकर सदन में अपनी आवाज उठाते हुए इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि ये बिल जो इंट्रोड्यूस हो रहा है, बहुत सोची-समझी साजिश के तहत हो रहा है. वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करने का औचित्य क्या बनता है. इतिहास के पन्नों को पलटे होते, एक जिलाधिकारी थे, उन्होंने क्या किया ये हम सब जानते हैं.
केंद्र पर साधा निशाना
वहीं केंद्र सरकार के इस बिल पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी हताश और निराश है. तुष्टिकरण के लिए, अपने कुछ मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए ये बिल ला रही है. अल्पसंख्यकों के अधिकार छीने जा रहे हैं. लॉबी में सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं और हम इसका विरोध करेंगे. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अखिलेश यादव आप इस तरह की गोलमोल बातें सदन में नहीं कर सकते. आप नहीं हो अध्यक्ष के अधिकारों के संरक्षक. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आसन पर, संसद की आंतरिक व्यवस्था पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने इसे हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में कदम बताया और कहा कि हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे.
ओवैसी ने बिल का किया विरोध, हिंदू मुसलमान में भेदभाव करता है
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में इस बिल का विरोध किया है. उहोंने कहा कि यह संविधान की मूल भावना पर हमला है. आप हिंदू पूरी संपत्ति अपने बेटे-बेटी के नाम पर दे सकते हो लेकिन हम एक तिहाई ही दे सकते हैं. हिंदू संगठन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में गैर धर्मों के सदस्य शामिल नहीं होते तो वक्फ में क्यों. ये बिल हिंदू-मुसलमान में भेदभाव करता है.
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अन्य संपत्तिया लेना चाहती सरकार
इस दौरान केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए ओवैसी ने कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है. उन्होंने इस दौरान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार दरगाह और अन्य संपत्तियां लेना चाहती है. सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को दे रहे हैं, मुझे यकीन है कि आप बिल्किस बानो और जकिया जफरी को मेंबर बनाएंगे. आप देश को बांटने का काम कर रहे हैं. आप दुश्मन हैं मुसलमानों के.