नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में गुजरात सरकार और कई अन्य दोषियों की ओर से दायर अपीलों पर अंतिम सुनवाई 13 फरवरी को करेगी.
जस्टिस जेके माहेश्वरी और अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि अगली सुनवाई की तारीख पर मामले में कोई स्थगन (Adjournment) नहीं दिया जाएगा.
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गुजराती में रिकॉर्ड्स को अंग्रेजी में डिजिटल करने को कहा
सर्वोच्च न्यायालय ने पक्षों से कहा कि वे गुजराती में मौजूद अदालती रिकॉर्ड का अंग्रेजी में अनुवाद करें और उसे डिजिटल करें ताकि रिकॉर्ड सभी पक्षों को उपलब्ध हो सकें.
2002 के गोधरा कांड के दोषियों ने ट्रायल कोर्ट और फिर गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा अपनी सजा के खिलाफ कई आपराधिक अपीलें दायर की थीं. उन्होंने उच्च न्यायालय के अक्टूबर 2017 के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कई दोषियों की सजा को बरकरार रखा गया था.
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उच्च न्यायालय ने मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदला था
गुजरात सरकार ने भी शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और उन 11 दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग की थी, जिनकी सजा को उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास में बदल दिया था. उच्च न्यायालय ने मामले में कुल 31 दोषियों को दोषी ठहराया था और 11 दोषियों की मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया था.
यह घटना 27 फरवरी, 2002 को हुई थी, जब साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच को जला दिया गया था, जिससे 59 लोगों की मौत हो गई थी और पूरे राज्य में दंगे भड़क गए थे.
मार्च 2011 में, ट्रायल कोर्ट ने 31 लोगों को दोषी ठहराया था, जिनमें से 20 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और 11 को फांसी दी जानी थी. इसने 63 लोगों को बरी कर दिया था.
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