नई दिल्ली/मुरादाबाद : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संभल शाही जामा मस्जिद पर जिला ट्रायल कोर्ट की सुनवाई पर 8 जनवरी तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा अब कार्यवाही उसके पास लंबित है. सर्वोच्च अदालत में मस्जिद पक्ष ने याचिका दायर तुरंत मामले ध्यान देने की मांग की थी, जिस पर शीर्ष कोर्ट ने ये कदम उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अपने समक्ष लंबित रख लिया है और मामले की सुनवाई 6 जनवरी, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में तय की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह शांति और सद्भाव चाहता है.
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सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार से शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा
वहीं सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से संभल में शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया कि जब तक संभल मस्जिद की शाही ईदगाह कमेटी हाईकोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाती, तब तक वह मामले को आगे न बढ़ाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि एडवोकेट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा जाए.
Supreme Court orders the trial court to not proceed with the case till the Shahi Idgah committee of Sambhal mosque moves the High Court. pic.twitter.com/TEURMPTGq4
— ANI (@ANI) November 29, 2024
संभल के डीएम ने नमाज से पहले फ्लैग मार्च में हिस्सा लिया
वहीं संभल के डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने शाही जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज से पहले पुलिस द्वारा किए गए फ्लैग मार्च में हिस्सा लिया.
डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने कहा, "हर जगह शांति है...कोई समस्या नहीं है, जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से होगी."
संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने कहा, "स्थिति शांतिपूर्ण है. पीएससी, आरएएफ, आरआरएफ समेत 16 कंपनियां तैनात हैं, सभी समन्वय कर रहे हैं. जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से होगी."
जिला कोर्ट को आज सुनाना था फैसला, कड़ी की गई थी सुरक्षा
उत्तर प्रदेश के संभल जिला न्यायालय के बाहर आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और शुक्रवार की नमाज के लिए लोगों के एकत्र होने से पहले उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के एंट्री गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं.
गौरतलब है कि न्यायालय द्वारा नियुक्त ASI टीम के आज शाही जामा मस्जिद पर सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है, जिसको लेकर यह सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
नमाज अदा की जाएगी, लेकिन कड़ी सुरक्षा में: सपा नेता एसटी हसन
वहीं इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता एसटी हसन ने शुक्रवार को कहा कि संभल में पत्थरबाजी की घटना पर अफवाहों पर नियंत्रण किया जाना चाहिए.
हसन ने कहा, "अफवाहों पर नियंत्रण किया जाना चाहिए. पूरे मुरादाबाद में अफवाह है कि संभल की शाही जामा मस्जिद में नमाज अदा नहीं की जाएगी. नमाज अदा की जाएगी, लेकिन कड़ी सुरक्षा में. घबराने की जरूरत नहीं है, मस्जिद में जाकर शांति के लिए प्रार्थना करें."
मुरादाबाद के संभागीय आयुक्त अंजनेय कुमार सिंह ने कहा था कि सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और लोगों से अपील की गई है कि वे अपनी मस्जिदों में ही नमाज अदा करें.
सिंह ने कहा था, "सभी तरह के इंतजाम किए गए हैं. ड्रोन कैमरे लगे हैं और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है. 16 कंपनियां तैनात की गई हैं, जिनमें एक आरएएफ, दो आरआईएफ और 13 पीएससीएस शामिल हैं. हमने मस्जिदों के मौलवियों और शांति समितियों से भी बात की है. हमने लोगों से अपील की है कि वे अपनी मस्जिदों में ही नमाज अदा करें. लोगों से जामा मस्जिद में कम संख्या में आने को कहा गया है. वहां सख्त जांच होगी. हम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी नजर रख रहे हैं, साइबर सेल को भी अलर्ट पर रखा गया है और जो कोई भी गलत अफवाह फैलाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी... संवेदनशील इलाकों पर नजर रखी जा रही है."
संभल में 24 नवंबर को एएसआई के सर्वे के दौरान हुई थी पत्थरबाजी
संभल से मिली तस्वीरों में 24 नवंबर को मुगलकालीन मस्जिद की एएसआई द्वारा जांच के दौरान हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद यहां रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को तैनात किया गया है. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई थी और स्थानीय लोगों और अधिकारियों सहित कई अन्य घायल हो गए थे.
इससे पहले 28 नवंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया था, जिसने कथित तौर पर घटना के बीच अफ़वाहें फैलाई थीं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फ़रहत नाम के व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 170, 126 और 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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