नई दिल्ली : राज्यसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 पर चर्चा के दौरान बुधवार को कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था के सामने चार प्रमुख चुनौतियों को उठाया.
उन्होंने उच्च सदन में सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी को बताया.
चिदंबरम ने बेरोजगारी के हालात बताए, कहा- PLI योजना से पैदा नौकरियों का खुलासा हो
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी किए गए डेटा से संकेत मिलता है कि जून 2024 के लिए बेरोजगारी दर 9.2% है. चिदंबरम ने जोर देकर कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए प्राथमिक चुनौती पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करना है. उन्होंने बताया कि बजट में रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ELI) योजना की घोषणा से पता चलता है कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना अपेक्षित रोजगार पैदा नहीं कर रही है. उन्होंने वित्तमंत्री से पीएलआई योजना द्वारा सृजित नौकरियों की संख्या का खुलासा करने का अनुरोध किया.
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रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना पर उठाया सवाल
चिदंबरम ने ईएलआई योजना से होने वाले किसी फायदे के बारे में संदेह व्यक्त किया.
उन्होंने कहा, "यह एक प्रेरणादायक विचार है, लेकिन यह विश्वास नहीं जगाता कि आप 290 लाख लोगों को ईएलआई योजना के तहत रख पाएंगे, जैसा कि बताया गया है."
नौकरी संकट न होने के आरबीआई के दावे को झुठलाया
उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की उस रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया, जिसमें दावा किया गया था कि वित्त वर्ष 24 में 4.67 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा की गईं. यूपी में 60,000 पुलिस पदों के लिए 50 लाख से अधिक आवेदकों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने आरबीआई के इस दावे को चुनौती दी कि देश में नौकरी का कोई संकट नहीं है.
चिदंबरम ने आग्रह किया कि बेरोजगारी के मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी, कांग्रेस, प्रस्तावित ईएलआई योजना की सफलता का इंतजार करेगी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में प्रधानमंत्री पैकेज के हिस्से के रूप में 'रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन' के लिए तीन योजनाओं के कार्यान्वयन की घोषणा की. ये योजनाएं ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित होंगी, जो पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को पहचानने और कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों का समर्थन करने पर केंद्रित होंगी.
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वित्तमंत्री ने पहली नौकरी करने वालों को एक महीने के वेतन की कही थी बात
केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि यह योजना सभी औपचारिक क्षेत्रों में कार्यबल में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों को 1 महीने का वेतन प्रदान करेगी. ईपीएफओ में पहली बार रजिस्टर्ड कर्मचारियों को तीन किस्तों में एक महीने के वेतन का सीधे 15,000 रुपये का लाभ देने की बात कही. इसकी पात्रता सीमा 1 लाख रुपये प्रति माह वेतन तक होगी.
सरकार के अनुसार, इस योजना से देश के 210 लाख युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है. आगे चलकर, रोजगार के पहले 4 वर्षों में उनके ईपीएफओ योगदान के संबंध में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को सीधे एक तय पैमाने पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा.
वित्तमंत्री को उम्मीद है कि इस योजना से रोजगार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को लाभ होगा. यह योजना सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को कवर करके नियोक्ताओं का भी समर्थन करती है.
बजट घोषणा के अनुसार, 1 लाख रुपये प्रति माह वेतन सीमा के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगार इस योजना के तहत गिने जाएंगे. सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए ईपीएफओ योगदान के लिए नियोक्ताओं को 2 साल तक 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति करेगी.
अपने भाषण में, पूर्व वित्तमंत्री ने देश में महंगाई, मजदूरी और संघवाद (केंद्र-राज्य संबंध) के बारे में भी चिंता जताई.
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