लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुरूप लापरवाह सरकारी अधिकारियों पर अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए, स्कूली बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में देरी के लिए एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, "उत्तर प्रदेश सरकार ने चित्रकूट जिले में एक स्कूली बस को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में देरी के लिए क्षेत्रीय निरीक्षक (तकनीकी) को निलंबित कर दिया है और सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है."
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी ने सभी अधिकारियों को सरकारी काम में किसी भी तरह की ढिलाई के खिलाफ चेतावनी दी है.
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सीएम योगी का जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त कदम उठाने का निर्देश
उन्होंने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सख्त कदम उठाने के स्पष्ट निर्देश भी जारी किए हैं, खासकर भ्रष्टाचार और लापरवाही में शामिल अधिकारियों और कर्मियों को निशाना बनाया है.
मंगलवार 23 जुलाई को चित्रकूट जिले के खोह स्थित श्रीजी इंटर कॉलेज से छोटे बच्चों को ले जा रही दो बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र समाप्त होने के कारण सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) की टीम ने जब्त कर लिया. बसों को बच्चों समेत 10 किलोमीटर दूर स्थित फायर सर्विस कॉम्प्लेक्स पुलिस लाइन ले जाया गया. वाहनों को सुबह 11.15 बजे जब्त किया गया और दोपहर 1:05 बजे तक पुलिस लाइन में रखा गया, जिससे बसें करीब 2 घंटे तक खड़ी रहीं.
अधिकारी ने नहीं माना निर्देश, बस जब्त होने से स्कूली बच्चों को हुई परेशानी
खबरों के मुताबिक चित्रकूट जिले के क्षेत्रीय निरीक्षक (तकनीकी) गुलाब चंद्र को संबंधित विद्यालयों में स्कूली बसों की फिटनेस का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया था. हालांकि, उन्होंने इन निर्देशों का पालन नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए. नतीजतन, बसों को जब्त करना पड़ा, जिससे बच्चों को असुविधा और परेशानी हुई.
बुधवार को मामला सामने आने के बाद योगी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की. इस चूक के लिए प्रथमदृष्टया दोषी पाए जाने पर क्षेत्रीय निरीक्षक (तकनीकी) गुलाब चंद्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही मामले में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) विवेक कुमार शुक्ला के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है. परिवहन विभाग के सभी कार्मिकों को भविष्य में ऐसी लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.
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