Lok Sabha polls : सपा ने तेज प्रताप को कन्नौज, सनातन पांडे को बलिया से नीरज शेखर के खिलाफ उतारा 

    Lok Sabha polls : मैनपुरी से पूर्व सांसद और अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं. उनकी शादी लालू की बेटी राज लक्ष्मी यादव से हुई है.

    Lok Sabha polls : सपा ने तेज प्रताप को कन्नौज, सनातन पांडे को बलिया से नीरज शेखर के खिलाफ उतारा 

    लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश के कन्नौज से चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगाते हुए, यहां से पार्टी ने तेज प्रताप सिंह यादव को मैदान में उतारा है और बलिया सीट से बीजेपी (BJP) उम्मीदवार, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर के खिलाफ सनातन पाण्डेय को टिकट दिया है.

    कन्नौज सीट का प्रतिनिधित्व कभी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव किया करते थे.

    मैनपुरी से पूर्व सांसद और अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं. उनकी शादी लालू की बेटी राज लक्ष्मी यादव से हुई है.

    तेज प्रताप दिवंगत सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई रणवीर सिंह के पोते हैं. वह 2014 से 2019 तक मैनपुरी से सांसद रहे हैं.

    तेज प्रताप के अलावा यादव परिवार के सदस्य मैनपुरी, आजमगढ़, बदांयू और फिरोजाबाद लोकसभा सीटों से भी चुनाव लड़ रहे हैं.

    बलिया से बीजेपी के नीरज शेखर के खिलाफ पार्टी ने सनातन पांडे को मैदान में उतारा है.

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    सनातन पाण्डेय 2019 में बीजेपी उम्मीदवार से हार चुके हैं चुनाव

    पाण्डेय इससे पहले भी 2019 में यहां से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन बीजेपी के वीरेंद्र सिंह मस्त से हार गए थे.

    पूर्व प्रधानमंत्री चंद्र शेखर के बेटे नीरज शेखर 2007 से 2014 तक लोकसभा सांसद रहे, जो बलिया से सपा का प्रतिनिधित्व करते थे, यह पहले उनके पिता का निर्वाचन क्षेत्र था.

    2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सपा ने मैदान में नहीं उतारा, जिसके बाद उन्होंने सपा छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए, जिसने उन्हें संसद के उच्च सदन में भेज दिया. 

    बलिया लोकसभा क्षेत्र में 1 जून को मतदान होगा.

    2019 के आम चुनावों में, भाजपा विजयी हुई, उसने 80 में से 62 सीटें हासिल कीं, इसके अलावा उसकी सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटें मिलीं. मायावती की बसपा 10 सीटें हासिल करने में सफल रही, जबकि अखिलेश यादव की सपा को पांच सीटें मिलीं. इसके विपरीत, कांग्रेस पार्टी को केवल एक सीट हासिल हुई.

    अखिलेश ने सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए उसे संविधान विरोधी बताया. 

    उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''बीजेपी में सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग चुनावी रैलियों में बेतुकी बातें कहकर कांग्रेस के खिलाफ जो झूठ फैला रहे हैं, उससे बीजेपी का झूठ ही सामने आ रहा है. एक तरफ तो वे दावा कर रहे हैं कि वे 400 सीटें जीतेंगे, विपक्ष जीत गया तो क्या होगा कहकर जनता को डरा कर चुनाव में कुछ वोट हासिल करना चाहते हैं...सच तो यह है कि मध्यम वर्ग, जिसके पास एक या दो जोड़ी गहने हैं वे भी भाजपा के खिलाफ वोट कर रहे हैं क्योंकि मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के लोग भी बेरोजगारी और महंगाई से प्रभावित हैं."

    ''किसी खास समुदाय का नाम लेकर उसके बारे में गलत बातें कहना दुनिया भर में फैले उस समुदाय का अपमान है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे देश की धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक पहचान को ठेस पहुंची है. यह बेहद आपत्तिजनक बयान है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता ....केवल वे लोग ही ऐसी असंवैधानिक भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनका इरादा संविधान को नष्ट करने का है.''

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