नई दिल्ली : दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि वह सीएम की कुर्सी और पैसे की लालच के लिए नहीं, देश के लिए राजनीति में आए हैं.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे राजनेता नहीं हैं और आरोपों ने उन्हें असर पहुंचाया है.
जनता की अदालत में अरविंद केजरीवाल🔥
— AAP (@AamAadmiParty) September 22, 2024
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद आज आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक @ArvindKejriwal जी जंतर-मंतर पर 'जनता की अदालत' में पहुंचे, जहां दिल्ली की जनता ने केजरीवाल जी का दिल खोलकर स्वागत और सत्कार किया 🙌
केजरीवाल जी ने प्रण… pic.twitter.com/GG6p9stJNP
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मैं आयकर की नौकरी में चाहता तो करोड़ों कमा लेता : केजरीवाल
जंतर मंतर पर 'जनता की अदालत' को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, "मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं यहां (राजनीति में) भ्रष्टाचार करने नहीं आया हूं. मुझे सीएम की कुर्सी का कोई लालच नहीं है. मैं यहां पैसा कमाने नहीं आया हूं. मैंने आयकर की नौकरी की है, अगर मैं पैसा कमाना चाहता तो करोड़ों कमा सकता था. मैं देश के लिए, भारत माता के लिए, देश की राजनीति बदलने के लिए राजनीति में आया हूं."
केजरीवाल ने कहा, "इन नेताओं को आरोपों से कोई मतलब नहीं है, इनकी चमड़ी मोटी है, मैं नेता नहीं हूं. मुझे फर्क पड़ता है, जब भाजपा मुझे चोर या भ्रष्ट कहती है. आज मेरा दिल टूट गया है और इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया."
केजरीवाल ने आगे कहा कि उन्होंने सिर्फ सम्मान कमाया है और दिल्ली में उनके पास अपना घर भी नहीं है.
'मैं कुछ दिन में सीएम का बंगला छोड़ दूंगा, मेरे पास घर भी नहीं'
उन्होंने कहा, "मैं कुछ दिनों में सीएम का बंगला छोड़ दूंगा, मेरे पास घर भी नहीं है. मैंने 10 साल में सिर्फ प्यार कमाया है, जिसका नतीजा यह है कि मुझे इतने सारे लोगों के फोन आ रहे हैं कि मेरा घर आ जाओ. श्राद्ध खत्म होने के बाद, नवरात्रि की शुरुआत में, मैं घर छोड़कर आप में से किसी के घर आकर रहूंगा."
केजरीवाल ने कहा, "हम ईमानदारी से सरकार चला रहे थे, हमने बिजली और पानी मुफ्त किया, लोगों के लिए इलाज मुफ्त किया, शिक्षा को बेहतरीन बनाया. लेकिन, प्रधानमंत्री को लगा कि अगर उन्हें इनसे जीतना है तो उन्हें इनकी ईमानदारी पर हमला करना होगा और फिर उन्होंने केजरीवाल, सिसोदिया और आप को बेईमान साबित करने की साजिश रची और हर नेता को जेल में डाल दिया."
केजरीवाल ने लोगों से पूछा, वे ईमानदार मानते हैं या नहीं?
केजरीवाल ने जनता दरबार में लोगों से पूछा कि क्या वे उन्हें ईमानदार मानते हैं या नहीं.
"मैं चाहता हूं कि लोग मुझे बताएं कि मैं ईमानदार हूं या बेईमान, अगर मैं बेईमान होता तो क्या मैं मुफ्त में बिजली दे पाता? क्या मैं स्कूल बना पाता? मैं जानना चाहता हूं कि लोग मुझे चोर समझते हैं या मुझे जेल में डालने वाले लोग चोर हैं."
केजरीवाल ने अपने इस्तीफे के दौरान घोषणा की थी कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें "ईमानदार" नहीं घोषित कर देती, तब तक वह मुख्यमंत्री के रूप में दोबारा काम नहीं करेंगे. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले इस साल नवंबर में चुनाव कराने की भी मांग की है.
कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा की.
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