नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को अपने नए मंत्रिमंडल की पहली बैठक शुरू हुई है. शपथ लेने के एक दिन बाद, नए मंत्री शाम करीब 5 बजे प्रधानमंत्री के 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे और बैठक में शामिल हुए हैं.
यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने अभी तक नए मंत्रियों के विभागों की घोषणा नहीं की है.
इस दौरान जेपी नड्डा, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, मनोहर लाल खट्टर समेत नेता मौजूद हैं.
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3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को मकान देने का फैसला
आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पात्र परिवारों की संख्या में इजाफे की मांग पूरी करने के लिए 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को मकान निर्माण के लिए सहायता दी जाएगी.
भारत सरकार पात्र ग्रामीण और शहरी परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ मकान निर्माण के लिए सहायता प्रदान करने के लिए 2015-16 से प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की है. पिछले 10 वर्षों में आवास योजनाओं के तहत पात्र गरीब परिवारों के लिए कुल 4.21 करोड़ मकान पूरे किए गए हैं.
पीएमएवाई के तहत निर्मित सभी मकानों को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की अन्य योजनाओं के साथ घरेलू शौचालय, एलपीजी कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, घरेलू नल कनेक्शन आदि जैसी अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.
PM पद संभालने के बाद PMO अधिकारियों को मोदी का पहला संबोधन
इससे पहले पीएम मोदी ने आज पीएमओं के अधिकारियों को और कर्मियों को संबोधित किया.
तीसरी बार प्रधान मंत्री का पद संभालने के बाद, PMO के अधिकारियों को अपने पहले संबोधन में, पीएम मोदी ने कहा, "साथ मिलकर हमारा एक ही लक्ष्य है और एक ही इरादा है, राष्ट्र प्रथम. 2047 तक विकसित भारत ही बनाना मेरा लक्ष्य है." सार्वजनिक रूप से कहा, मेरा पल पल देश के नाम है, मैंने भी देश से वादा किया है. मुझे टीम से ऐसी उम्मीद है कि 2024 तक 24/7 काम करें.” प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘जब सरकार की बात आती है तो अकेले मोदी ही नहीं, हजारों मन उनसे जुड़े होते हैं.' हजारों मस्तिष्क जो इस पर काम कर रहे हैं, हजारों हाथ जो इस पर काम कर रही हैं - इस भव्य रूप के परिणामस्वरूप, आम आदमी भी इसकी क्षमताओं को पूरा कर पाता है.’
मोदी का PMO नहीं लोगो का PMO होना चाहिए
प्रधानमंत्री मोदी ने पीएमओ अधिकरियों को संबोधित करते हुए बोला, ''10 साल पहले हमारे देश में छवि यह थी कि पीएमओ एक शक्ति केंद्र है, एक बहुत बड़ा शक्ति केंद्र है और मैं मैं सत्ता हासिल करने के बारे में नहीं सोचता. मेरे लिए यह न तो मेरी इच्छा है और न ही मेरा रास्ता है कि 2014 के बाद से हमने जो कदम उठाए हैं, हमने इसे एक उत्प्रेरक के रूप में विकसित करने का प्रयास किया है . PMO को लोगों का PMO होना चाहिए और यह मोदी का PMO नहीं हो सकता.'' मोदी ने आगे कहा, ''हम वो लोग नहीं हैं जिनका ऑफिस इस वक्त शुरू होता है और इसी वक्त खत्म होता है. हम वो लोग नहीं हैं'' हम समय से बंधे नहीं हैं, हमारी सोच की कोई सीमा नहीं है, और हमारे प्रयासों के लिए हमारे पास कोई मानदंड नहीं है, जो इससे परे हैं वे मेरी टीम हैं और देश उस टीम पर भरोसा करता है.”
की अस्थिर मन और स्थिर मन की बात
तीसरी बार प्रधान मंत्री का पद संभालने के बाद, पीएमओ के अधिकारियों को अपने पहले संबोधन में, पीएम मोदी ने कहा, "आप अपने वास्तविक जीवन में बहुत से लोगों से मिलेंगे यदि आप उन लोगों से बात करते हैं जो युवा समूहों से संबंधित हैं- यदि पिछले कुछ समय से क्रिकेट का सीजन चल रहा है, उनका मन करता है कि एक अच्छा क्रिकेटर बनूं, अगर कोई अच्छी फिल्म बहुत लोकप्रिय हो जाती है तो उन्हें लगता है कि यह क्षेत्र अच्छा है, और मुझे अभिनेता बनना चाहिए, उसी समय चंद्रयान घटना हुई. तो उन्हें लगा कि यह क्षेत्र बहुत अच्छा है और उन्हें वैज्ञानिक बनना चाहिए. ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जिनकी इच्छाएं अस्थिर होती हैं और जब इच्छाएं अस्थिर होती हैं तो आम आदमी उसे लहर कहता है. लेकिन कब इच्छा स्थिर हो जाती है और लंबे समय तक स्थिरता प्राप्त करती है, फिर इच्छा एक प्रक्रिया से गुजरती है जो एक संकल्प में बदल जाती है. इच्छा और स्थिरता संकल्प के बराबर होती है, और संकल्प और कड़ी मेहनत सफलता के बराबर होती है."
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