नई दिल्ली : भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना करते हुए दावा किया कि कांग्रेस के पूर्वज पिछड़े वर्ग को 'बुद्धू' (मूर्ख) कहते थे. ठाकुर ने जोर देकर कहा कि दलितों और आदिवासियों के प्रति उनके ऐतिहासिक रवैये से राहुल गांधी के खुद विशेषाधिकार वाला समझने की भावना स्पष्ट होती है.
ठाकुर ने कहा, "मेरे बयान की वजह से कुछ लोगों की अधिकार भावना को ठेस पहुंची है, नतीजा यह हुआ कि पूरा इकोसिस्टम चिल्लाने लगा है. उन्हें लगता है कि केवल वे ही सवाल पूछ सकते हैं क्योंकि उन्हें विशेषाधिकार प्राप्त हैं. ये वे लोग हैं जिनके पूर्वज पिछड़े वर्ग के लोगों को 'बुद्धू' कहते थे. उनके पूर्वज दलितों और आदिवासियों को समानता प्रदान न करने के बहाने बनाते थे. ये वही लोग हैं जो सोचते थे कि दलित और ओबीसी उनके सामने सूट पैंट कैसे पहन सकते हैं और कोई संविधान कैसे लिख सकता है. मैं 'बुद्धू' नहीं कह रहा हूं."
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ठाकुर ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर लगाया आरोप
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का हवाला देते हुए कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि गांधी ने दलितों और आदिवासियों के लिए 'बुद्धू' शब्द का इस्तेमाल किया था. "बुद्धू शब्द का इस्तेमाल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने किया था. श्रीमान राहुल गांधी जी. पूरी कांग्रेस जमात पढ़ ले की राजीव गांधी जी ने कहा था 'आरक्षण के नाम पर बुद्धुओं को बढ़ावा नहीं देंगे'. यह 3 मार्च 1985 को एक अखबार में प्रकाशित हुआ था. अगर बात निकली है तो दूर तलक जाएगी.
पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे राहुल गांधी देश को बताएंगे कि दलित, ओबीसी 'बुद्धू' थे, क्या वे उनके (राजीव गांधी) बयान के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगे? जो लोग आज तक लेगेसी की मलाई खाते रहे, आज उनके मुंह में सवाल की खटाई पड़ गई है.
ठाकुर ने दावा किया कि आरक्षण का विरोध करने की उनकी पारिवारिक विरासत के कारण ओबीसी, एससी, दलित और आदिवासी समुदायों में राहुल गांधी के इरादों को लेकर व्यापक संदेह है. उन्होंने कहा, "लोग राहुल गांधी पर संदेह करते हैं क्योंकि वह ऐसे परिवार से हैं जिसने आरक्षण का विरोध किया था."
राहुल ने लोकसभा में अनुराग ठाकुर पर लगाया था गाली देने का आरोप
मंगलवार को राहुल गांधी ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर पर केंद्रीय बजट पर लोकसभा में चर्चा के दौरान उन्हें "गाली देने और अपमानित करने" का आरोप लगाया था. ठाकुर ने गांधी के साथ तीखी नोक-झोंक की थी, जिसमें उन्होंने जाति जनगणना पर सवाल उठाने वालों की आलोचना की थी और दावा किया था कि उनकी अपनी जाति का पतना नहीं है.
भाजपा सांसद ने कहा, "जिनकी जाति का पता नहीं है, वे जाति-जनगणना की बात करते हैं. मैं अध्यक्ष को याद दिलाना चाहता हूं कि इसी सदन में पूर्व प्रधानमंत्री आरजी-1 (राजीव गांधी) ने ओबीसी के लिए आरक्षण का विरोध किया था."
जवाब में राहुल गांधी ने कहा, "जो भी आदिवासी, दलित और पिछड़े लोगों के मुद्दे उठाता है, उसे गाली दी जाती है. मैं इन गालियों को खुशी से स्वीकार करूंगा...अनुराग ठाकुर ने मुझे गाली दी है और मेरा अपमान किया है, लेकिन मैं उनसे माफी नहीं चाहता."
अखिलेश यादव ने कहा था- कोई किसी की जाति कैसे पूछ सकता है?
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बहस में दखल देते हुए ठाकुर से पूछा था कि कोई किसी व्यक्ति की जाति के बारे में कैसे पूछ सकता है.
यादव ने निचले सदन में ठाकुर से पूछा, "आप जाति के बारे में कैसे पूछ सकते हैं?"
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में आरक्षण बढ़ाने और जनगणना का वादा किया है
कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र के अनुसार अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पारित करने का वादा किया है. पार्टी ने जातियों और उपजातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना का भी वादा किया है.
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