कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न सिर्फ भारत को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया को एक बार फिर परमाणु तनाव के मुहाने पर ला खड़ा किया है. भारत और पाकिस्तान जैसे दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच यदि तनाव बढ़ता है, तो यह केवल क्षेत्रीय नहीं बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन जाता है.
परमाणु धमकी की भाषा में बोल रहा पाकिस्तान
जहां भारत की नीति "पहले परमाणु हथियार का उपयोग नहीं" (No First Use) की है, वहीं पाकिस्तान अपने परमाणु arsenal को लेकर बार-बार धमकी भरे स्वर में बयान देता आया है. हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुले तौर पर कहा कि यदि पाकिस्तान को अपने अस्तित्व पर सीधा खतरा महसूस हुआ, तो वह परमाणु हथियारों के उपयोग से पीछे नहीं हटेगा.
पाकिस्तानी केंद्रीय मंत्री हनीफ अब्बासी का बयान और भी अधिक भड़काऊ था. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान के पास मौजूद 130 परमाणु हथियारों का मुंह भारत की ओर है. उन्होंने यह तक कह दिया कि “हमने शाहीन और गजनवी मिसाइलें सजाने के लिए नहीं रखी हैं, वे भारत के लिए हैं.” इस तरह के बयानों से परमाणु युद्ध की आशंका को बल मिलता है.
अमेरिका भी है पाकिस्तान के परमाणु जखीरे से चिंतित
अमेरिका लंबे समय से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहा है. 2011 में NBC News की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि अमेरिका के पास पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को ज़ब्त करने की आकस्मिक योजना तैयार है. इस योजना को तब लागू किया जा सकता है जब वॉशिंगटन को लगे कि पाकिस्तान के हथियार अमेरिका या उसके हितों के लिए खतरा बन सकते हैं.
इन योजनाओं का उद्देश्य पाकिस्तान में किसी संभावित अराजकता, चरमपंथी नियंत्रण, या भारत के साथ गंभीर सैन्य तनाव की स्थिति में हथियारों को सुरक्षित बनाना है. अमेरिकी अधिकारियों और सैन्य सूत्रों ने कई बार इस संभावना पर चर्चा की है कि चरमपंथियों के हाथों में परमाणु हथियार न लग जाएं.
पाकिस्तान की तैयारी और खतरे की गंभीरता
परमाणु वैज्ञानिक परवेज हुडभॉय जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को कब्जे में लेने की अमेरिकी योजना मूर्खतापूर्ण साबित हो सकती है. उनका कहना है कि ये हथियार गुप्त सुरंगों, पर्वतीय अड्डों और सैन्य ठिकानों में छिपाकर रखे गए हैं. ऐसे में किसी भी हस्तक्षेप से स्थिति और भी विस्फोटक हो सकती है.
हाल के वर्षों में अमेरिका की चिंता और बढ़ी है. 2024 के अंत में वॉइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान अब ऐसी लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता विकसित कर रहा है, जिससे वह दक्षिण एशिया से परे भी हमले कर सकता है. यह अमेरिका के लिए एक “उभरता हुआ खतरा” बन रहा है.
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