ईरान को बैलिस्टिक मिसाइल शाहीन-III भेज रहा है पाकिस्तान, इजरायल के खिलाफ खोला मोर्चा, अब क्या होगा?

    पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग अब नए मोड़ पर पहुंचती दिख रही है. पाकिस्तान इस संघर्ष में पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाने जा रहा है.

    Pakistan is sending ballistic missile Shaheen-III to Iran,
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    इस्लामाबाद: पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग अब नए मोड़ पर पहुंचती दिख रही है. सीएनएन-न्यूज 18 के सूत्रों के हवाले से खबर है कि पाकिस्तान इस संघर्ष में पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाने जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर युद्ध और गहराता है तो पाकिस्तान ईरान को अपनी शाहीन-III मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल की आपूर्ति कर सकता है. इस मिसाइल की मारक क्षमता 2,750 किलोमीटर है, जो इजरायल समेत पूरे पश्चिम एशिया को अपनी जद में ले सकती है.

    क्या पाकिस्तान युद्ध में उतरने वाला है?

    सीएनएन-न्यूज 18 के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ईरान को हथियार देकर न केवल इजरायल को जवाब देने की रणनीति बना रहा है, बल्कि इसके जरिये वह भारत के खिलाफ भी एक नया फ्रंट खोलने की कोशिश कर रहा है.

    ऐसा बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ लगातार ईरान के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं. उन्होंने न सिर्फ ईरान के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है, बल्कि खुले मंचों पर इजरायल के हमलों की आलोचना भी की है. शहबाज शरीफ ने यहां तक कहा है कि पाकिस्तान हर हाल में ईरान के साथ खड़ा रहेगा, चाहे मंच संयुक्त राष्ट्र हो या इस्लामी सहयोग संगठन (OIC).

    शाहीन-III: ईरान के लिए 'गेम चेंजर'

    पाकिस्तान द्वारा शाहीन-III मिसाइल ईरान को दिए जाने की योजना सिर्फ एक सैन्य सहयोग नहीं है, यह एक रणनीतिक संदेश भी है.

    • शाहीन-III एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है.
    • इसकी रेंज इजरायल, भारत और खाड़ी देशों तक है.
    • पाकिस्तान के इस कदम से ईरान को लंबी दूरी तक जवाबी हमले करने की नई क्षमता मिल सकती है.

    खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान और ईरान के बीच इस सैन्य सहयोग के स्पष्ट प्रमाण भी मिले हैं, हालांकि सार्वजनिक रूप से इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

    भारत के खिलाफ पाकिस्तान की चाल?

    • विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह रणनीति दोहरी है.
    • इजरायल-ईरान युद्ध में मुस्लिम देशों को एकजुट करने की कोशिश.
    • भारत के खिलाफ एक नया रणनीतिक दबाव बनाना.

    पाकिस्तान चाहता है कि ईरान के साथ उसकी नजदीकी से भारत को अपनी पश्चिमी सीमा पर ध्यान बढ़ाना पड़े, ताकि पाकिस्तान की पूर्वी सीमा पर उसका दबाव कुछ कम हो सके. सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान यह भी उम्मीद कर रहा है कि अगर ईरान उसके साथ खड़ा रहता है तो भारत को दोतरफा खतरे का सामना करना पड़ सकता है.

    OIC में जुटने की कोशिश

    पाकिस्तान ने इजरायल के खिलाफ मुस्लिम देशों को एक मंच पर लाने के लिए OIC (इस्लामिक सहयोग संगठन) की आपात बैठक बुलाने का भी आह्वान किया है. इसके साथ ही पाकिस्तान ने उन मुस्लिम देशों से भी अपील की है जिन्होंने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध बनाए हुए हैं कि वे तुरंत अपने संबंध खत्म करें.

    पाकिस्तान ने इजरायल को दी थी चेतावनी

    कुछ दिन पहले एक ईरानी सैन्य अधिकारी ने दावा किया था कि पाकिस्तान ने निजी बातचीत में भरोसा दिया है कि अगर इजरायल ने ईरान पर परमाणु हमला किया तो पाकिस्तान इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा. हालांकि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस दावे का खंडन किया है, लेकिन खुफिया रिपोर्ट्स में पाकिस्तान के गुप्त सैन्य सहयोग की बात लगातार सामने आ रही है.

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