Jagdeep Dhankar Resigns: राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर गहरा दुख व्यक्त किया है. सिब्बल ने कहा कि जब वह राज्यसभा जाएंगे और धनखड़ कुर्सी पर नहीं होंगे, तो उन्हें यह बहुत याद आएगा. सोमवार, 21 जुलाई, 2025 को सिब्बल ने कहा कि उन्होंने (धनखड़) अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है, और यह एक निजी निर्णय है, जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र भेजा और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि यह एक निजी निर्णय है और इस पर कोई और चर्चा नहीं होनी चाहिए. सिब्बल ने कहा, "धनखड़ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है, और हमें इसे समझना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए."
व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंध
कपिल सिब्बल ने धनखड़ के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को याद करते हुए कहा, "जब मैं राज्यसभा में जाऊंगा, तो मुझे बहुत दुख होगा कि वह वहां नहीं होंगे. हमारे परिवारों के बीच बहुत अच्छे संबंध रहे हैं. जहां-जहां हमारे परिवार के कार्यक्रम होते थे, धनखड़ साहब हमेशा आते थे और मेरे पिता के साथ उनके अच्छे संबंध थे. हम दोनों ने कई मामलों में एक साथ काम किया और कई बार उनके खिलाफ भी. हालांकि, हमारी पर्सनल इक्वेशन हमेशा बहुत अच्छे रहे." उन्होंने यह भी कहा, "धनखड़ साहब का दृष्टिकोण हमेशा साफ और स्पष्ट था. वह सार्वजनिक रूप से अपने विचार रखते थे और जो उन्हें गलत लगता था, वह बिना किसी संकोच के उस पर टिप्पणी करते थे. उनका यह गुण बहुत खास था."
राजनीतिक दृष्टिकोण और रिश्ते
सिब्बल ने यह भी कहा कि धनखड़ हमेशा इस बात पर जोर देते थे कि विपक्ष और सत्ता पक्ष को मिलकर देश के हित में काम करना चाहिए. वह मानते थे कि जब भी देश की बात होती है, तो विभिन्न दृष्टिकोण हो सकते हैं, लेकिन अंतिम लक्ष्य देश की भलाई होना चाहिए.
कपिल सिब्बल ने कहा, "धनखड़ के मन में कभी कोई दुर्भावना नहीं रही. जब भी मुझे राज्यसभा में बोलने का अधिक समय चाहिए था, उन्होंने हमेशा मुझे पूरा सहयोग दिया और समय दिया. हमारी विचारधारा में अंतर हो सकता था, लेकिन कभी भी कोई कड़वाहट नहीं रही."
कपिल सिब्बल का सम्मान
सिब्बल ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर चल रही अटकलों को भी खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने खुद अपने इस्तीफे में स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख किया है. इसलिए इस बारे में कोई और अनुमान या कयास नहीं लगाने चाहिए. उन्होंने कहा, "धनखड़ साहब राष्ट्रवादी और देशभक्त व्यक्ति थे. उनका हमेशा यह मानना था कि विपक्ष और सरकार को मिलकर भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए."
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