'हमारे पूर्वजों ने इस देश के लिए...' मुसलमानों को भड़का रहे मुनीर, भारत के डर से बौखलाया पाकिस्तान

    भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अपने हालिया भाषण में भारत के प्रति सख्त तेवर दिखाए हैं. पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी (PMA) काकुल में पासिंग आउट परेड के अवसर पर उन्होंने भारत पर मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से 'इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने' का आरोप लगाया.

    Munir is inciting Muslims Pakistan is panicking due to fear of India
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    नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अपने हालिया भाषण में भारत के प्रति सख्त तेवर दिखाए हैं. पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी (PMA) काकुल में पासिंग आउट परेड के अवसर पर उन्होंने भारत पर मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से 'इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने' का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने अपने संबोधन को हिंदू-मुस्लिम विभाजन की ओर मोड़ते हुए द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की मजबूती से पैरवी की.

    'हिंदू और मुसलमान अलग हैं'- मुनीर

    अपने भाषण में मुनीर ने कहा कि "मुसलमान जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं. हमारा धर्म, परंपराएं, संस्कृति और सोच बिल्कुल भिन्न है." उन्होंने जोर देकर कहा कि द्वि-राष्ट्र सिद्धांत न केवल पाकिस्तान के निर्माण का आधार था, बल्कि आज भी पाकिस्तान के अस्तित्व की बुनियादी पहचान है.

    पूर्वजों के बलिदान की रक्षा का संकल्प

    जनरल मुनीर ने पाकिस्तान के निर्माण में हुए संघर्ष और बलिदानों का उल्लेख करते हुए कहा कि "हमारे पूर्वजों ने पाकिस्तान के लिए अपनी जान न्योछावर की, और हम अपनी मातृभूमि की रक्षा करना अच्छी तरह जानते हैं." उन्होंने भारत की ओर संकेत करते हुए यह भी कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो पाकिस्तान हर स्तर पर जवाब देने के लिए तैयार है.

    'कश्मीर हमारी गले की नस'- मुनीर

    16 अप्रैल 2025 को इस्लामाबाद में आयोजित ओवरसीज पाकिस्तानी कन्वेंशन में भी असीम मुनीर ने कश्मीर मुद्दे को उठाया था. उन्होंने कश्मीर को 'पाकिस्तान की गले की नस' बताते हुए कहा कि इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. एक बार फिर, उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सभ्यता, भाषा और संस्कृति में फर्क को रेखांकित करते हुए द्वि-राष्ट्र सिद्धांत को पाकिस्तान की नींव बताया.

    पहलगाम हमला तनाव का कारण

    22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकवादी हमले में करीब 26 लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों घायल हुए थे. माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान-प्रेरित आतंकी संगठन सक्रिय थे. इस घटना के बाद भारत में गुस्से की लहर फैल गई है और आतंकी नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई की मांग तेज हो गई है.

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