Donald Trump Tariff Policy: "जॉब्स वापस लाएंगे", "महंगाई खत्म करेंगे", "अर्थव्यवस्था को विश्व की सबसे ताकतवर स्थिति में पहुंचाएंगे"; ये थे डोनाल्ड ट्रंप के 2024 के चुनावी वादे. लेकिन सत्ता में वापसी के सात महीनों के भीतर ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था की तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है.
अगस्त 2025 की रोजगार रिपोर्ट ने ट्रंप प्रशासन की आर्थिक रणनीतियों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में केवल 22,000 नई नौकरियां ही पैदा हुईं, जबकि बेरोजगारी दर 4.3% तक पहुंच गई, जो बीते चार वर्षों में सबसे ऊंचा स्तर है. यह डेटा ऐसे वक्त में आया है जब महंगाई फिर से सिर उठा रही है और निर्माण तथा फैक्ट्री सेक्टर में नौकरी गिरावट दर्ज कर रहे हैं.
फायदों से ज़्यादा नुकसान
ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान चीन, भारत और अन्य देशों पर टैरिफ लगाने की नीति को "आत्मनिर्भरता" का रास्ता बताया था. उन्होंने वादा किया था कि इससे अमेरिका में फैक्ट्रियां लौटेंगी और रोजगार बढ़ेगा. लेकिन हकीकत इससे उलट है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 42,000 नौकरियां घटीं
कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 8,000 पद खत्म हुए
तेल और गैस क्षेत्र में 12,000 नौकरियों की कटौती
विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ ने आपूर्ति श्रृंखला को महंगा बना दिया, जिससे कंपनियों ने लागत बचाने के लिए कर्मचारियों में कटौती शुरू कर दी.
बढ़ती महंगाई: वादे हवा में
महंगाई के मोर्चे पर भी ट्रंप सरकार की हालत खराब है. अप्रैल में जहां वार्षिक महंगाई दर 2.3% थी, वो जुलाई में बढ़कर 2.7% हो गई.
बिजली की कीमतों में 4.6% का इज़ाफा
उपभोक्ता वस्तुएं महंगी हुईं
वालमार्ट, प्रॉक्टर एंड गैंबल जैसी कंपनियों ने दाम बढ़ाए
महंगाई का ठीकरा ट्रंप ने फेडरल रिजर्व पर फोड़ा है. उनका आरोप है कि अगर ब्याज दरें घटाई जातीं, तो नौकरियों में इज़ाफा होता. लेकिन आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि ब्याज दरों में जल्दबाजी से महंगाई और तेज़ हो सकती है.
आप्रवासन नीति बनी श्रमिक संकट की वजह
ट्रंप की सख्त आप्रवासन नीतियों ने श्रम बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया है. उन्होंने 'ब्लैक जॉब्स' की रक्षा के नाम पर अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी, लेकिन ब्लैक समुदाय में बेरोजगारी दर 7.5% तक पहुंच गई, जो कि अक्टूबर 2021 के बाद का सबसे खराब स्तर है. श्रमिकों की कमी के चलते निर्माण, रेस्त्रां, कृषि और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में श्रम की भारी कमी देखी जा रही है. इस संकट ने उत्पादन और आपूर्ति दोनों पर असर डाला है.
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: समर्थन और विरोध
व्हाइट हाउस के मुख्य आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने अगस्त की रिपोर्ट को "एक अपवाद" बताया और कहा कि अर्थव्यवस्था जल्द ही रफ्तार पकड़ेगी. वहीं, डेमोक्रेटिक नेताओं ने इसे सरकार की विफलता करार दिया है.
एलिजाबेथ वॉरेन: "ट्रंप की नीतियां नौकरी बाजार को बर्बाद कर रही हैं."
चक शूमर: "यह रिपोर्ट एक चेतावनी है, अर्थव्यवस्था को बर्बादी के रास्ते पर ले जाया जा रहा है."
पिछले महीने, ट्रंप ने रोजगार डेटा पर सवाल उठाते हुए BLS कमिश्नर एरिका मैकएंटारफर को बर्खास्त कर दिया. उन्होंने बिना किसी ठोस साक्ष्य के दावा किया कि आंकड़ों में 'हेरफेर' हुआ है.
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