पाकिस्तान की सियासत एक बार फिर उबल रही है, और इसकी आग जेल की चारदीवारी के भीतर से भड़काई जा रही है. देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने साफ-साफ शब्दों में ऐलान कर दिया है — अब न तो वह शहबाज शरीफ की सरकार को मानते हैं, और न ही उनसे कोई बातचीत करेंगे. उनका सीधा निशाना पाकिस्तान की असल ताकत की ओर है — सेना.
“PML-N से बात का कोई मतलब नहीं, ये तो बस दिखावे की सरकार है,” — इमरान खान ने एक्स (Twitter) पर जारी अपने बयान में लिखा. उन्होंने मौजूदा हुकूमत को ‘चुनावी डकैती’ से बनी एक फर्जी सत्ता बताया और कहा कि इससे बात करने का कोई फायदा नहीं, क्योंकि असली सत्ता सेना के पास है.
सेना से सीधी बात की बात
इमरान खान ने दो टूक कहा कि अब केवल सेना से संवाद संभव है, क्योंकि वही असली फैसले लेती है. उन्होंने पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल असीम मुनीर पर भी सीधा कटाक्ष करते हुए कहा, "अगर फील्ड मार्शल बनना ही था, तो राजा ही क्यों न बन जाते!"
असीम मुनीर को फील्ड मार्शल की उपाधि मिलने पर इमरान ने उन्हें खुद को खुद ही प्रमोट करने वाला करार दिया.
पर्दे के पीछे बातचीत से इनकार
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इमरान और सेना के बीच गुप्त बातचीत चल रही है, लेकिन इमरान ने ऐसे किसी भी प्रयास से इनकार करते हुए कहा, “मुझसे किसी ने कोई संपर्क नहीं किया. जो खबरें फैलाई जा रही हैं, वो सिर्फ मुझे बदनाम करने की चाल है.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह डरने वाले नहीं हैं और देश के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
PTI नेताओं पर दबाव के आरोप
इमरान खान ने दावा किया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं पर बेशुमार दबाव डाला जा रहा है ताकि वे पार्टी छोड़ दें. उन्होंने इसे 'जंगल राज' करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान में कानून का शासन नहीं, बल्कि ताकत का खेल चल रहा है. उन्होंने 9 मई, 2023 की घटना को PTI को मिटाने की एक संगठित साजिश बताया.
जेल से जंग का ऐलान
अगस्त 2023 से अडियाला जेल में बंद इमरान खान पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें कुछ में उन्हें सजा भी मिल चुकी है. लेकिन उनके तेवर जरा भी नरम नहीं पड़े हैं. उनका कहना है कि जेल और साज़िशें उन्हें नहीं रोक सकतीं — उनका इरादा अडिग है.
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