संसद में राहुल गांधी 'मनुस्मृति' लेकर पहुंचे, जानें संविधान से इस किताब की तुलना करते हुए क्या कहा

    राहुल गांधी ने कहा,  हाथरस में 4 साल पहले एक दलित युवती का बलात्कार हुआ. अपराधी बाहर घूम रहे हैं जबकि पीड़ित परिवार कैद का जीवन जी रहा. ये संविधान में कहां लिखा है? यूपी में संविधान नहीं, मनुस्मृति लागू है.

    संसद में राहुल गांधी 'मनुस्मृति' लेकर पहुंचे, जानें संविधान से इस किताब की तुलना करते हुए क्या कहा
    लोकसभा में अपनी स्पीच के दौरान बोलते संविधान और मनुस्मृति की किताब दिखाते हुए राहुल गांधी | Photo- @INCIndia के हैंडल से.

    नई दिल्ली : संविधान को "आधुनिक भारत का दस्तावेज" बताते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि प्राचीन भारत और विचारों के बिना संविधान कभी नहीं लिखा जा सकता था. गांधी इस दौरान संसद में मनु द्वारा लिखी 'मनुस्मृति' की किताब लेकर पहुंचे और कहा कि इन दोनों किताबों के बीच लड़ाई है.

    राहुल गांधी ने कहा, हाथरस में 4 साल पहले एक दलित युवती का बलात्कार हुआ. अपराधी बाहर घूम रहे हैं जबकि पीड़ित परिवार कैद का जीवन जी रहा. ये संविधान में कहां लिखा है? यूपी में संविधान नहीं, मनुस्मृति लागू है.

    गौरतलब है कि लोकसभा ने 13 दिसंबर को संविधान को अपनाने के 75वें वर्ष की शुरुआत के उपलक्ष्य में संविधान पर दो दिवसीय बहस शुरू की. शीतकालीन संसद का पहला सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ, जिसमें व्यवधानों के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही काफी पहले ही स्थगित कर दी गई. शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा.

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    राहुल ने हाथरस की घटना के बहाने सत्तापक्ष को निशाने पर लिया

    12 दिसंबर को हाथरस की अपनी यात्रा और 2020 के हाथरस अपराध पीड़िता के परिवार से मिलने का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि पूरा परिवार अभी भी डर में जी रहा है.

    गांधी ने कहा, "4 साल पहले एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था. तीन दिन पहले मैं वहां गया और परिवार से मिला लेकिन लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार करने वाला व्यक्ति खुलेआम घूम रहा था और पीड़िता का परिवार स्वतंत्र रूप से नहीं घूम सकता था. यह मनुस्मृति में लिखा है लेकिन यह संविधान में नहीं लिखा है. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो इंडिया गठबंधन के लोग उस परिवार का पुनर्वास करेंगे."

    एकलव्य का अंगूठा काटने से जिक्र कर आरक्षण बढ़ाने को कहा

    राहुल गांधी ने कहा, जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटा वैसे ही आप हिंदुस्तान के लोगों का युवाओं का अंगूठा काट रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा, हम देश में जाति जनगणना के जरिए दिखाना चाहते हैं कि आपने किस किसका अंगूठा काटा है. आरक्षण की सीमा की 50 प्रतिशत की दीवार भी हम ही गिराएंगे. 

    संविधान को बिना प्राचीन विचारों के नहीं लिखा जा सकता था : राहुल

    भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान बोलते हुए विपक्ष के नेता ने कहा कि संविधान में हमारे राष्ट्र के दर्शन से विचारों का एक समूह शामिल है.

    राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, "अपने पिछले कुछ भाषणों में मैंने अभय मुद्रा की अवधारणा के बारे में बात की थी. निर्भयता, सत्य और अहिंसा की अवधारणा और मैंने सदन को विभिन्न धर्मों की अभय मुद्रा वाली तस्वीरें दिखाईं. लोग इसे दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान कहते हैं, लेकिन संविधान में हमारे राष्ट्र के एक दर्शन से विचारों का एक समूह शामिल है. जब हम संविधान को देखते हैं और इसे खोलते हैं तो हमें अंबेडकर, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की आवाजें और विचार सुनाई देते हैं. लेकिन ये विचार कहां से आते हैं? ये विचार इस देश की पुरानी गहन परंपराओं से आए हैं. वे विचार शिव, गुरु नानक, बुद्ध, कबीर और महावीर से आए हैं. जब हम संविधान की बात करते हैं और संविधान दिखाते हैं तो बेशक यह आधुनिक भारत का दस्तावेज है. लेकिन इसे प्राचीन भारत और उसके विचारों के बिना कभी नहीं लिखा जा सकता था."

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