पाकिस्तान में अपने युद्धपोत क्यों भेज रहा बांग्लादेश? शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद यूनुस सरकार का बड़ा फैसला

बांग्लादेश ने पाकिस्तान के आगामी नौसैनिक अभ्यास AMAN 2025 में भाग लेने का निर्णय लिया है.

Bangladesh Joins Pakistan Naval Exercise AMAN 2025 Hosts ISI Chief
प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

बांग्लादेश ने पाकिस्तान के आगामी अमन 2025 नौसैनिक अभ्यास में एक प्रमुख युद्धपोत भेजने का निर्णय लेकर अपने क्षेत्रीय गठबंधनों को नया आकार देने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो एक दशक से अधिक समय में इस तरह की पहली तैनाती है. यह कदम अगस्त 2024 में प्रधान मंत्री शेख हसीना को अपदस्थ करने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत ढाका की विदेश नीति में बदलाव को दर्शाता है.

यह घटनाक्रम पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक की हाल ही में ढाका की यात्रा और दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण की योजनाओं के साथ-साथ दक्षिण एशियाई देशों के बीच बढ़ते मेल-मिलाप को दर्शाता है. विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, इस स्थिति पर भारत भी "बारीकी से नजर" रख रहा है.

'बांग्लादेश के हित में नहीं ये जुड़ाव'

बांग्लादेश का अपने पांच फ्रिगेट में से एक के साथ अमन 2025 में भाग लेने का निर्णय ऐसे समय में आया है जब क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान के साथ बढ़ती निकटता बांग्लादेश के लिए संभावित वैचारिक और सुरक्षा जोखिमों के बारे में चिंताएं पैदा करती है. भारत, जो बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर (2,545 मील) की सीमा साझा करता है, ने तस्करी और घुसपैठ की चिंताओं का हवाला देते हुए बॉर्डर की निगरानी बढ़ा दी है. एक भारतीय अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "बांग्लादेश का पाकिस्तान के साथ जुड़ाव, खास तौर पर रक्षा क्षेत्र में, ढाका के लिए गंभीर परिणाम हो सकता है. यह उनके हित में नहीं है."

पाकिस्तान का इतिहास खतरे की घंटी

आलोचकों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान के वैचारिक प्रभाव का इतिहास और सैन्य-प्रधान शासन पर उसकी निर्भरता बांग्लादेश के नाजुक लोकतंत्र को अस्थिर कर सकती है. जबकि शेख हसीना के प्रशासन ने देश के लिए एक धर्मनिरपेक्ष पहचान बनाए रखी, यूनुस सरकार के इस्लामाबाद के साथ संबंधों को गहरा करने के कदमों ने वैचारिक घुसपैठ की आशंकाओं को जन्म दिया है.

आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान के ट्रैक रिकॉर्ड ने भी चिंताएं बढ़ाई हैं. पर्यवेक्षकों ने चेतावनी दी है कि इस तरह के अभ्यास अनजाने में बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों को सशक्त बना सकते हैं, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है.

बांग्लादेश-भारत संबंध

शेख हसीना की सरकार भारत की एक कट्टर सहयोगी थी, जिसने व्यापार, जल-बंटवारे और सीमा सुरक्षा पर सहयोग सुनिश्चित किया. हालांकि, यूनुस के तहत वर्तमान बदलाव से इस साझेदारी पर दबाव पड़ने का खतरा है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि पाकिस्तान के साथ मधुर होते संबंध बांग्लादेश को उसके सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार भारत से अलग-थलग कर सकते हैं और दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को बदल सकते हैं.

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने अभी तक नौसैनिक अभ्यास पर औपचारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत अपने हितों की रक्षा के लिए तैयार है.

इस कदम से किसको नुकसान?

पाकिस्तान अमन 2025 में बांग्लादेश की भागीदारी को एक कूटनीतिक जीत के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है, जिससे इस्लामाबाद को भारत के क्षेत्रीय प्रभाव का काउंटरबैलेंस करने का मौका मिल सके. हालांकि, विदेशी मामलों के विश्लेषकों का मानना ​​है कि यह कदम ढाका और इस्लामाबाद दोनों के लिए लंबे समय में नुकसानदेह साबित होगा. विश्लेषक आगे तर्क देते हैं कि बांग्लादेश को इस्लामाबाद की व्यापक भू-राजनीतिक रणनीतियों में एक जूनियर भागीदार के रूप में देखा जाने का जोखिम है, जो इसकी संप्रभुता और दीर्घकालिक हितों को कमजोर करता है और भारत के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को खतरे में डालता है, जो एक बहुत बड़ी क्षेत्रीय शक्ति है.

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