अक्सर लोग सोचते हैं कि अपने बच्चे का नाम रखना पूरी तरह से उनका व्यक्तिगत फैसला होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ देशों में यह इतना आसान नहीं है? अमेरिका जैसे विकसित देश में भी कुछ ऐसे नाम हैं, जिन्हें बच्चों के लिए रखना पूरी तरह से गैरकानूनी है. अगर आप ऐसे नाम रखने की कोशिश करेंगे तो आपके बच्चे का जन्म प्रमाण-पत्र भी रिजेक्ट हो सकता है.
अमेरिका में नामों पर क्यों लगती है पाबंदी?
अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में बच्चों के नाम रखने को लेकर अलग नियम लागू होते हैं. उदाहरण के तौर पर, कैलिफोर्निया में बच्चों के नाम में केवल अंग्रेजी वर्णमाला (A-Z) के 26 अक्षरों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है. खास अक्षर जैसे è, á, ñ या फिर चिन्ह जैसे @ को नाम में शामिल करने की अनुमति नहीं है.
अमेरिका में प्रतिबंधित 10 नाम:
इन नामों पर रोक धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक विवादों या तकनीकी जटिलताओं से बचने के लिए लगाई गई है.
दूसरे देशों में भी नामों को लेकर हैं अजब-गजब नियम
अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं है, जहां नामों पर नियंत्रण है. जापान और न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी बच्चों के नाम रखने पर खास नियम लागू हैं.
जापान में:
डेविल (Devil), पिकाचु (Pikachu) जैसे अजीब या नकारात्मक उच्चारण वाले नामों पर सख्त पाबंदी है. यहां का मानना है कि ऐसे नाम बच्चों के लिए सामाजिक दिक्कतें पैदा कर सकते हैं.
न्यूजीलैंड में:
2024 में न्यूजीलैंड सरकार ने करीब 40 ऐसे नामों की लिस्ट जारी की, जिन्हें कानूनी रूप से खारिज कर दिया गया. ‘King’, ‘Prince’, ‘Princess’ जैसे शाही टाइटल वाले नाम वहां भी बैन हैं. सरकार लगातार माता-पिता से अपील करती है कि वे नाम चुनते समय उसके सामाजिक प्रभाव और बच्चे के भविष्य पर पड़ने वाले असर को जरूर समझें.
नाम सिर्फ पहचान नहीं, एक ज़िम्मेदारी भी है
जैसा कि न्यूजीलैंड सरकार ने कहा है – "नाम जीवनभर का उपहार होता है." एक ऐसा नाम, जो जीवनभर साथ चलता है, उसका चयन सोच-समझकर करना जरूरी है. सिर्फ अलग दिखने या ट्रेंड फॉलो करने के लिए ऐसा नाम न रखें, जो आगे चलकर आपके बच्चे के लिए शर्मिंदगी, भेदभाव या कानूनी समस्या का कारण बन जाए.
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